शिवराज सिंह चौहान सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को दिया बंगला खाली करने का आदेश
नई दिल्ली:
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश पर कार्रवाई करते हुए प्रदेश सरकार ने केन्द्रीय मंत्री उमा भारती एवं कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह सहित चार पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी बंगलों के आवंटन को गुरुवार को निरस्त कर दिया है. मध्यप्रदेश गृह विभाग के प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव ने बताया कि राज्य सरकार ने चार पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी बंगलों का आवंटन निरस्त कर दिया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के जिन चार पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी बंगलों का आवंटन निरस्त किया गया है उनमें उमा भारती, दिग्विजय सिंह, कैलाश जोशी और बाबूलाल गौर शामिल हैं. उमा, जोशी एवं गौर तीनों भाजपा नेता हैं, जबकि दिग्विजय कांग्रेस नेता हैं. गौरतलब है कि मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को 19 जून को आदेश दिया था कि एक माह के भीतर पूर्व मुख्यमंत्रियों से भोपाल में आवंटित सरकारी बंगला खाली कराया जाए.
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न्यायमूर्ति हेमंत कुमार गुप्ता और न्यायमूर्ति ए के श्रीवास्तव की युगलपीठ ने जबलपुर के सिविल लाइन निवासी विधि छात्र रौनक यादव की तरफ से दायर याचिका की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया था. याचिकाकर्ता ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन शासकीय बंगला आवंटन किये जाने के खिलाफ यह याचिका दायर की थी. ध्यान हो कि यह इस तरह का कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले उत्तर-प्रदेश में भी पूर्व मुख्यमंत्रियों को अपना बंगला खाली करने का जारी किया जा चुका है. यूपी के के राज्य संपत्ति विभाग ने उच्चतम न्यायालय के आदेशों के अनुपालन में पूर्व मुख्यमंत्रियों को नोटिस जारी कर 15 दिन के भीतर सरकारी बंगले खाली करने का नोटिस जारी किया है.
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राज्य संपत्ति विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'नोटिस जारी किये जा रहे हैं. शुक्रवार को सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को ये पहुंच जाएंगे.' इस समय छह पूर्व मुख्यमंत्रियों नारायण दत्त तिवारी, मुलायम सिंह यादव, कल्याण सिंह, मायावती, राजनाथ सिंह और अखिलेश यादव के पास सरकारी बंगले हैं जो वीवीआईपी जोन में पड़ते हैं. उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में कहा कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सरकारी बंगले में नहीं रह सकते. शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर किसी मुख्यमंत्री का कार्यकाल समाप्त होता है तो वह आम आदमी की ही तरह है. अदालत ने लोक प्रहरी नामक एनजीओ की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान ये फैसला सुनाया था.
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याचिका में उत्तर प्रदेश मंत्री (वेतन भत्ते एवं अन्य प्रावधान) कानून 1981 में अखिलेश यादव की सरकार की ओर से किये गये संशोधनों को चुनौती दी गयी थी.गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके पांच कालिदास मार्ग स्थित आवास पर मुलाकात की थी जिसके बारे में बताया जाता है कि वह सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूर्व मुख्यमंत्रियों से उनके सरकारी बंगले खाली करने के निर्देश से उत्पन्न हालात पर चर्चा करने गये थे. सरकारी अधिकारियों ने इसे शिष्टाचार भेंट बताया था जबकि मुलायम के करीबी मानते हैं कि उन्होंने अपने बंगले से जुडे़ मुद्दे पर बात की थी.
VIDEO: बंगले में तोड़फोड पर कार्रवाई?
मुलायम पांच विक्रमादित्य मार्ग पर रहते हैं जबकि उनके पुत्र अखिलेश यादव बगल में ही चार विक्रमादित्य मार्ग पर रहते हैं. शीर्ष अदालत ने इस महीने की शुरूआत में ही उत्तर प्रदेश के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को अपने सरकारी बंगले खाली करने के निर्देश दिए थे.(इनपुट भाषा से)
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न्यायमूर्ति हेमंत कुमार गुप्ता और न्यायमूर्ति ए के श्रीवास्तव की युगलपीठ ने जबलपुर के सिविल लाइन निवासी विधि छात्र रौनक यादव की तरफ से दायर याचिका की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया था. याचिकाकर्ता ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन शासकीय बंगला आवंटन किये जाने के खिलाफ यह याचिका दायर की थी. ध्यान हो कि यह इस तरह का कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले उत्तर-प्रदेश में भी पूर्व मुख्यमंत्रियों को अपना बंगला खाली करने का जारी किया जा चुका है. यूपी के के राज्य संपत्ति विभाग ने उच्चतम न्यायालय के आदेशों के अनुपालन में पूर्व मुख्यमंत्रियों को नोटिस जारी कर 15 दिन के भीतर सरकारी बंगले खाली करने का नोटिस जारी किया है.
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राज्य संपत्ति विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'नोटिस जारी किये जा रहे हैं. शुक्रवार को सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को ये पहुंच जाएंगे.' इस समय छह पूर्व मुख्यमंत्रियों नारायण दत्त तिवारी, मुलायम सिंह यादव, कल्याण सिंह, मायावती, राजनाथ सिंह और अखिलेश यादव के पास सरकारी बंगले हैं जो वीवीआईपी जोन में पड़ते हैं. उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में कहा कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सरकारी बंगले में नहीं रह सकते. शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर किसी मुख्यमंत्री का कार्यकाल समाप्त होता है तो वह आम आदमी की ही तरह है. अदालत ने लोक प्रहरी नामक एनजीओ की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान ये फैसला सुनाया था.
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याचिका में उत्तर प्रदेश मंत्री (वेतन भत्ते एवं अन्य प्रावधान) कानून 1981 में अखिलेश यादव की सरकार की ओर से किये गये संशोधनों को चुनौती दी गयी थी.गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके पांच कालिदास मार्ग स्थित आवास पर मुलाकात की थी जिसके बारे में बताया जाता है कि वह सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूर्व मुख्यमंत्रियों से उनके सरकारी बंगले खाली करने के निर्देश से उत्पन्न हालात पर चर्चा करने गये थे. सरकारी अधिकारियों ने इसे शिष्टाचार भेंट बताया था जबकि मुलायम के करीबी मानते हैं कि उन्होंने अपने बंगले से जुडे़ मुद्दे पर बात की थी.
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मुलायम पांच विक्रमादित्य मार्ग पर रहते हैं जबकि उनके पुत्र अखिलेश यादव बगल में ही चार विक्रमादित्य मार्ग पर रहते हैं. शीर्ष अदालत ने इस महीने की शुरूआत में ही उत्तर प्रदेश के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को अपने सरकारी बंगले खाली करने के निर्देश दिए थे.(इनपुट भाषा से)
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