मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के कार्यदिवस के पहले दिन ही भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच ट्विटर वार शुरू हो गया. दरअसल, मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) सचिवालय में महीने की पहली तारीख को वंदे मातरम् (Vande Mataram) गाने की 13 साल पुरानी परंपरा इस बार टूट गई और इस तरह से नए साल के पहले कार्य दिवस यानी एक जनवरी को मंत्रालय में ‘वंदे मातरम' नहीं गाया गया. इसके बाद तो पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पूरी तरह से हमलावर हो गए. शिवराज सिंह चौहान ने सचिवालय में महीने के पहले कार्यदिवस पर वंदे मातरम न गाए जाने को लेकर सत्ता में बैठी कांग्रेस पर हमला बोला और कहा कि कांग्रेस को अगर राष्ट्रगीत गाने में शर्म आ रही है तो वह खुद हर महीने की पहली तारीख को वंदेमातरम गाएंगे.
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सचिवालय में वंदेमातरम न गाये जाने पर शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ सरकार पर हमला होला. सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी और ट्वीट कर कहा कि 'कांग्रेस यह भूल गई है कि सरकारें आती हैं जाती हैं लेकिन देश और देशभक्ति से ऊपर कुछ नहीं है. मैं मांग करता हूं कि वंदे मातरम का गाना हमेशा की तरह हर कैबिनेट की मीटिंग से पहले और हर महीने की पहली तारीख को हमेशा की तरफ वल्लभ भवन के प्रांगण में हो.'
कांग्रेस शायद यह भूल गई है कि सरकारें आती है, जाती है लेकिन देश और देशभक्ति से ऊपर कुछ नहीं है।
— ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) January 1, 2019
मैं माँग करता हूँ कि वंदे मातरम् का गान हमेशा की तरह हर कैबिनेट की मीटिंग से पहले और हर महीने की पहली तारीख़ को हमेशा की तरह वल्लभ भवन के प्रांगण में हो।
उन्होंने आगे कहा कि 'वंदे मातरम् के कारण लोगों के हृदय में प्रज्वलित देशभक्ति की भावनाओं में नयी ऊर्जा का संचार होता था. अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस की सरकार ने यह परंपरा आज तोड़ दी. आज पहली तारीख़ को वंदे मातरम् नहीं गाया गया!'
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एक अन्य ट्वीट में शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि 'अगर काग्रेस को राष्ट्र गीत के शब्द नहीं आते हैं या फिर राष्ट्र गीत के गायन में शर्म आती है, तो मुझे बता दें! हर महीने की पहली तारीख को वल्लभ भवन के प्रांगण में जनता के साथ वंद मातरम मैं गाऊंगा.'
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हालांकि, इस पर कमलनाथ ने शिवराज सिंह चौहान पर पलटवार किया है. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि 'इस आदेश को नए रूप में लागू किया जाएगा. इसके अलावा उन्होंने पूछा कि जो वंदे मातरम् नहीं गाते क्या वो राष्ट्रभक्त नहीं हैं?'
बता दें कि मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार में वंदे मातरम् का गान हर सप्ताह कैबिनेट मीटिंग से पहले सभी मंत्रियों द्वारा किया जाता था और हर महीने की पहली तारीख को वल्लभ भवन (सचिवालय) के प्रांगण में वंदे मातरम् गान में सभी कर्मचारी और अधिकारी गण उपस्थित रहते थे. मगर इस बार साल 2019 के पहले कामकाजी दिन पर राष्ट्रगीत नहीं गाया गया.
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