मध्यप्रदेश में पिछले दो महीने में बाढ़ और बिजली गिरने की अलग-अलग घटनाओं में अब तक 55 लोगों की मौत हो चुकी है. छतरपुर जिले की धसान नदी की बाढ़ के कारण 21 ग्रामीण फंस गए हैं. 48 घंटे बीत जाने के बाद भी रेस्क्यू नहीं हो सका है. क्षेत्रीय विधायक सहित पुलिस एवं बचाव दल मौके पर मौजूद है. बड़ामलहरा क्षेत्र के पुतरी खेरा गांव में बाढ़ आ गई है. मंदसौर में शिवना नदी में आए उफान के बाद पानी एक बार फिर पशुपतिनाथ मंदिर के गर्भ गृह में घुस गया. चंबल नदी पर बने गांधी सागर बांध का जलस्तर 1294.49 फीट हो गया है. मध्यप्रदेश में लगातार हो रही बारिश से जन जीवन अस्त व्यस्त हो रहा है. लोगों को अपने घर तक जाने में अपनी जान जोखिम में डालकर छोटे नदी-नालों को रस्सियों का सहारा लेकर पार करना पड़ रहा है.
देवास जिले की सोनकच्छ तहसील के ग्राम पंचायत जीवाजीगड और इकलेरा पंचायत के बीच नाला उफान पर होने से रास्ता बंद हो गया है. लोग सुबह से ही रास्ता देख रहे हैं कि पानी कब बंद हो और पुलिया से पानी का स्तर कम हो. लगातार हो रही बारिश के कारण पुलिया से जलस्तर कम होने का नाम ही नही ले रहा है. इसके बावजूद लोग रस्सी के सहारे अपनी जान जोखिम में डालकर अपने घरों को जाने के लिए मजबूर हैं.
रक्षाबंधन का समय है बहनें अपने भाइयों के घर जा रही हैं. ऐसे में पुल पर पानी अधिक होने से ग्रामीणों की मदद से महिलाओं बच्चों ओर बुजुर्गों को रस्सी के माध्यम से नाला पार करवाया जा रहा है. घर जाना जरूरी है इसलिए लाजमी है कि अपनी जिंदगी दांव पर लगाकर रस्सी के सहारे लोग नाला पार कर रहे हैं. इन लोगों के पास इसके अलावा कोई दूसरा उपाय नहीं है.
सागर जिले की बीना नदी में यात्री बस फंस गई. वहां से यात्रियों को सुरक्षित निकाल तो ले लिया गया लेकिन पुल पार करने के लिए उन्हें जान जोखिम में डालना पड़ा.
VIDEO : मध्यप्रदेश में भरपूर बारिश
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