कांग्रेस नेता कमलनाथ (फाइल फोटो)
इंदौर:
मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं मामले में सीबीआई द्वारा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को 'क्लीन चिट' दिए जाने पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने शुक्रवार को तीखे तेवर दिखाए. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की प्रमुख जांच एजेंसी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का विभाग बन कर रह गई है. कमलनाथ ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'क्या उन्हें (शिवराज को) किसी अदालत ने क्लीन चिट दी है. जिस सीबीआई ने उन्हें क्लीन चिट दी है, वह संघ का विभाग बनकर रह गई है.' उन्होंने कहा, 'सीबीआई को व्यापमं मामले की जांच के लिए कहा गया था. लेकिन वह फैसला सुनाने में लग गई. इससे साफ साबित होता है कि यह जांच एजेंसी संघ की एक शाखा बन चुकी है.'
विशेष अदालत के समक्ष 31 अक्तूबर को दायर आरोप-पत्र में सीबीआई ने कहा कि मध्यप्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) के अधिकारी नितिन महिंद्रा से बरामद हार्ड डिस्क ड्राइव के मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा कराए गए फॉरेंसिक विश्लेषण से स्पष्ट हुआ है कि उसमें ऐसी कोई फाइल स्टोर नहीं थी जिसमें ‘सीएम’ अक्षर हो. कमलनाथ ने प्रदेश की भाजपा सरकार को 'देश की सबसे भ्रष्ट सरकार' बताते हुए दावा किया कि सूबे में भाजपा के 14 साल लम्बे कार्यकाल में 160 घोटाले सामने आए हैं.
यह भी पढ़ें : व्यापम घोटाले में क्लीनचिट मिलने के बाद शिवराज सिंह चौहान बोले, मैं पहले से राहत में हूं
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया है कि प्रदेश सरकार की शुरू की गई 'भावान्तर भुगतान योजना' किसानों को कृषि उपज का उचित मूल्य प्रदान करने के अपने मकसद में नाकाम साबित हो रही है. उन्होंने कहा, 'इस योजना की गड़बड़ियों से किसान और कारोबारी, दोनों परेशान हैं. लेकिन शिवराज और उनकी सरकार को इस परेशानी से कोई सरोकार नहीं है. मुंह चलाना और सरकार चलाना अलग-अलग बातें हैं.' कमलनाथ ने सूबे में कृषि क्षेत्र की बदहाली का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश के 35 जिलों के सूखे की स्थिति से जूझने के बीच किसानों को प्याज, सोयाबीन और दलहनों का सही मूल्य नहीं मिल पा रहा है.
VIDEO : व्यापमं घोटाले की जांच कर रहे CBI अफसर मिले बेहोश
उन्होंने कहा, 'भाजपा के राज में प्रदेश में इतने किसानों ने आत्महत्या की है कि यह एक विश्व रिकॉर्ड बन गया है. इसे गिनीज बुक में भी शामिल किया जा सकता है.' कमलनाथ ने माल और सेवा कर (जीएसटी) की जटिलताओं और विसंगतियों को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, 'हम जीएसटी के तहत एक देश, एक कर की व्यवस्था चाहते थे. लेकिन मोदी सरकार ने ऐसा जीएसटी पेश किया है कि कुर्ते और पायजामे पर कर की अलग-अलग दरें घोषित कर दी गई हैं. जीएसटी लागू होने के बाद कारोबारी अपने धंधे पर ध्यान देने के बजाय कर सलाहकारों के चक्कर लगा रहे हैं.'
कमलनाथ ने केन्द्र की महत्वाकांक्षी 'स्मार्ट सिटी योजना' के औचित्य पर प्रश्न किया. उन्होंने कहा, 'जब मैं पिछली सरकार में शहरी विकास मंत्री था, तो मेरे पास इस योजना की फाइल आयी थी. तब मैंने अफसरों से सवाल किया था कि स्मार्ट सिटी की परिभाषा क्या होती है. इसका जवाब मुझे अब तक नहीं मिल सका है, जबकि मोदी सरकार में इस योजना के नाम पर हजारों करोड़ रुपये के कार्यों की घोषणा हो गयी है.'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
विशेष अदालत के समक्ष 31 अक्तूबर को दायर आरोप-पत्र में सीबीआई ने कहा कि मध्यप्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) के अधिकारी नितिन महिंद्रा से बरामद हार्ड डिस्क ड्राइव के मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा कराए गए फॉरेंसिक विश्लेषण से स्पष्ट हुआ है कि उसमें ऐसी कोई फाइल स्टोर नहीं थी जिसमें ‘सीएम’ अक्षर हो. कमलनाथ ने प्रदेश की भाजपा सरकार को 'देश की सबसे भ्रष्ट सरकार' बताते हुए दावा किया कि सूबे में भाजपा के 14 साल लम्बे कार्यकाल में 160 घोटाले सामने आए हैं.
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वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया है कि प्रदेश सरकार की शुरू की गई 'भावान्तर भुगतान योजना' किसानों को कृषि उपज का उचित मूल्य प्रदान करने के अपने मकसद में नाकाम साबित हो रही है. उन्होंने कहा, 'इस योजना की गड़बड़ियों से किसान और कारोबारी, दोनों परेशान हैं. लेकिन शिवराज और उनकी सरकार को इस परेशानी से कोई सरोकार नहीं है. मुंह चलाना और सरकार चलाना अलग-अलग बातें हैं.' कमलनाथ ने सूबे में कृषि क्षेत्र की बदहाली का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश के 35 जिलों के सूखे की स्थिति से जूझने के बीच किसानों को प्याज, सोयाबीन और दलहनों का सही मूल्य नहीं मिल पा रहा है.
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उन्होंने कहा, 'भाजपा के राज में प्रदेश में इतने किसानों ने आत्महत्या की है कि यह एक विश्व रिकॉर्ड बन गया है. इसे गिनीज बुक में भी शामिल किया जा सकता है.' कमलनाथ ने माल और सेवा कर (जीएसटी) की जटिलताओं और विसंगतियों को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, 'हम जीएसटी के तहत एक देश, एक कर की व्यवस्था चाहते थे. लेकिन मोदी सरकार ने ऐसा जीएसटी पेश किया है कि कुर्ते और पायजामे पर कर की अलग-अलग दरें घोषित कर दी गई हैं. जीएसटी लागू होने के बाद कारोबारी अपने धंधे पर ध्यान देने के बजाय कर सलाहकारों के चक्कर लगा रहे हैं.'
कमलनाथ ने केन्द्र की महत्वाकांक्षी 'स्मार्ट सिटी योजना' के औचित्य पर प्रश्न किया. उन्होंने कहा, 'जब मैं पिछली सरकार में शहरी विकास मंत्री था, तो मेरे पास इस योजना की फाइल आयी थी. तब मैंने अफसरों से सवाल किया था कि स्मार्ट सिटी की परिभाषा क्या होती है. इसका जवाब मुझे अब तक नहीं मिल सका है, जबकि मोदी सरकार में इस योजना के नाम पर हजारों करोड़ रुपये के कार्यों की घोषणा हो गयी है.'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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