मध्य प्रदेश के इंदौर से ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है. क्रेडिट कार्ड पर रिवार्ड देने के नाम से लूटते थे. क्राइम ब्रांच ने पूरे गैंग को हिरासत में ले लिया है. फिलहाल पूछताछ जारी है. ये अंतर्रराज्यीय गैंग है, सभी आरोपी बैंक के समान हूबहू दिखने वाली फर्जी वेबसाइट बनानते थे और लोगों को रिवार्ड देने के नाम पर लूटते थे.
क्राइम ब्रांच ने पूछताछ में जानकारी दी कि वेबसाइट डेवलपर और संचालक सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए आरोपी के कब्जे से 28 वेबसाइट डोमेन औऱ ईमेल आईडी सहित 62 सिम कार्ड थे. इसके अलावा 6 मोबाइल, लैपटॉप सहित कई और सामग्री भी मौजूद थे.
आरोपी का नाम रितेश कुमार, कुणाल मिश्रा और जितेंद्र शौकीन है. रितेश और कुणाल को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया गया, वहीं जितेंद्र शौकीन को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया.
कैसे करते थे ये काम?
क्रेडिट कार्ड रिवार्ड देने के नाम पर लोगों को ये फोन करते थे. उन्हें रिवार्ड देने के नाम पर इन्हें लिंक देते थे. फर्जी वेबसाइट की मदद से कार्ड की पूरी जानकारी लेते थे. जानकारी में सीवीवी नंबर समेत और भी महत्वपूर्ण जानकारी ले लेते थे और फिर पैसे निकाल लेते थे.
28 बैंकों की फर्जी वेबसाइट से करीब 200 से अधिक लोगों को ठगा
डीसीपी क्राइम ब्रांच इंदौर के निमिष अग्रवाल ने बताया कि क्रेडिट कार्ड पर रिवार्ड प्वाइंट रीडिंग करने के नाम पर ठगी करने वाले आरोपीयो ने 28 बैंकों की फर्जी वेबसाइट से करीब 200 से अधिक लोगों को ठगी का शिकार बनाया है. जांच कर जप्त की गई अन्य वेबसाइट का डाटा सहित अन्य जानकारी निकाली जा रही है.
करोड़ों की ठगी का डाटा मिल सकता है
इंदौर क्राइम ब्रांच द्वारा जो यह बड़ी सफलता हासिल की गई है, उसमें अब तक जो जानकारी मिली है उसके अलावा जो डाटा प्राप्त हुआ है उस पता चलता है कि करोड़ों रुपए की ठगी इस गैंग के द्वारा की गई होगी. पुलिस अभी साइबर एक्सपर्ट के माध्यम से जानकारी निकाल रही है और आरोपियों को पुलिस रिमांड पर लेकर उनसे भी पूछताछ कर रही है. जिसके बाद करोड़ों की ठगी सामने आने की उम्मीद लगाई जा रही है.
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