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This Article is From Aug 02, 2018

संसाधनों की कमी से जूझ रहा है देश का इकलौता गौ अभ्यारण्य, राज्य सरकार भी नहीं कर रही है मदद

अभ्यारण्य में तैनात डॉक्टर डॉ खरे ने कहा कि अभ्यारण्य में 24 शेड बनाये गए हैं और हर एक शेड की क्षमता 240 गायों को रखने की है.

संसाधनों की कमी से जूझ रहा है देश का इकलौता गौ अभ्यारण्य, राज्य सरकार भी नहीं कर रही है मदद
बजट की कमी की वजह से गायों को रखने में हो रही है दिक्कत
भोपाल: मध्य प्रदेश के आगर ज़िले में बीजेपी के राज में बने देश का इकलौता गौ अभ्यारण्य इन दिनों संसोधनों की कमी से जूझ रहा है. अभ्यारण्य में 6000 गायों को रखने की जगह है लेकिन सीमित संसाधन होने की वजह से यहां महज 4100 गाय ही रखे जा रहे हैं. अभ्यारण्य में तैनात डॉक्टर डॉ खरे ने कहा कि अभ्यारण्य में 24 शेड बनाये गए हैं और हर एक शेड की क्षमता 240 गायों को रखने की है. खास बात यह है कि इसी जगह पर एक रिसर्च सेंटर भी बनाया गया है. इसे बनाते समय वादा किया था कि इसमें गौ मूत्र और गोबर से दवाई, खाद आदि बनाये जाएंगे. एक्सपर्ट वैज्ञानिकों को लाए जाने की बात की थी. यहां विशेषज्ञों के 6 पद हैं लेकिन अभी तक एक भी पद पर नियुक्ती नहीं की जा सकी. आगर मालवा ज़िले के कलेक्टर अजय गुप्ता ने कहा कि गौ संवर्धन बोर्ड इसपर विचार कर रहा है कि क्या सुविधाएं शुरू करनी हैं, रिसर्च स्टाफ के ऊपर निर्भर है जो भी हमारे पास मौजूद स्टाफ है वो अभ्यारण्य के लिये और जिले में वैटनरी डिपार्टमेंट का पूरा सेटअप कॉमन है जिसकी वजह से वो सीमित है. जब गौ संवर्धन बोर्ड उपकरण, संसाधन देगा तो रिसर्च का काम शुरू कराया जाएगा.

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आरोप ये भी है कि यहां रहने वाली गायों के लिये ज़रूरी भूसे, दवाई में भी कंजूसी की जा रही है, काम करने मज़दूरों का आरोप है उन्हें भी वक्त से तनख्वाह नहीं मिलती. यहां काम कर रही सीमा ने कहा साल भर हो गया, 6000 में 800 खाते में कटता है 5200 मिलता है. 3-3 महीने खाते में रह गया पैसा ही नहीं रह गया. गाय के खाने में भी खल्ली वगैरह नहीं है,शेड खाली है. वहीं नीरव सिंह का कहना था पैसे मिलते हैं, नहीं मिल रहे किसी को 6 महीने हुए किसी को 8 महीने नहीं मिल रहे अब 40-50 लेबर हैं, पहले 150 तक थे.छह साल पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने खुद इसका शिलान्यास किया था। ,सरकार में बैठे लोगों को लगता है गौ सेवा सरकार नहीं, समाज का काम है.इलाके के बीजेपी विधायक तो पहले यहां तक कह चुके हैं, गाय गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों को दे दो, अगर वो गाय नहीं पालें तो सारी सुविधाएं छीन लो, क्योंकि विधायक जी का मानना है गाय पालने में कोई खर्च होता ही नहीं.

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विधायक मुरली पाटीदार ने कहा कि गाय का कोई खर्च नहीं है, जितना खर्च करते हैं उससे ज्यादा आमदानी देती है सिर्फ सेवा भाव होना चाहिये. गायों के लिये भूसा इतना होता कि खेतों में होता है नहीं तो पड़ोसी से मांग लो, दिन में कुछ देने की जरूरत नहीं है. वहीं गौ संवर्धन बोर्ड के उपाध्यक्ष संतोष जोशी ने कहा हमको मंडी बोर्ड से 25 करोड़ मिलता है वो कम हो ज्यादा हो बस, ये काम सरकार नहीं समाज का है. ध्यान हो कि गौ अभ्यारण्य बनाने के दौरान सरकार की तरफ से गाय की सेवा की बड़ी बड़ी बातें की गई थीं. ज़ाहिर है कि अब गाय के मुद्दे पर शिवराज सरकार विपक्ष के निशाने पर है.

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कांग्रेस प्रवक्ता शोभा ओझा ने कहा गाय तो इनके लिये सिर्फ एक चुनावी मुद्दा है इससे ज्यादा कुछ नहीं. गौ माता की बात करते हैं औऱ खुदकी माता को ये देखते नहीं है. जो बजट इन्होंने गौ शालाओं को दिया है वहाँ भी गाय नहीं ली जा रहीं औऱ सड़कों पर गायें खड़ी है. गायों औऱ इंसान के जीवन को खतरा है. मध्य प्रदेश की गौ शालाओ में 15,38,383 गौ वंश मौजूद है जिसमें गौ अभ्यारण्य की 4100 गाय भी शामिल है.

VIDEO: गोशाला में 36 गायों की मौत.

इनके लिए 56 करोड़ रुपयो की अनुदान राशि की जरूरत थी जबकि मंडी बोर्ड ने केवल 25 करोड़ रुपए ही दिए , मतलब जरूरत का आधा भी नही. गौ संवर्धन बोर्ड ने इस राशि को 1130 रुपए प्रति गौ वंश प्रति वर्ष के मान से बांट दिया. मतलब एक गाय के लिए चार रुपए प्रतिदिन से भी कम. 

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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