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This Article is From Jul 14, 2019

मध्य प्रदेश: रस्सी के सहारे नदी पार करने पर मजबूर हैं किसान, खेत पर जाने के लिए लगानी पड़ती है जान की बाजी

मध्य प्रदेश के देवास जिले में किसानों को अपने खेतों में जाने के लिए जान जोखिम में डालनी पड़ रही है.

मध्य प्रदेश: रस्सी के सहारे नदी पार करने पर मजबूर हैं किसान, खेत पर जाने के लिए लगानी पड़ती है जान की बाजी
किसानों को अपने खेतों में जाने के लिए जान जोखिम में डालनी पड़ रही है
मध्य प्रदेश:

देवास जिले में किसानों को अपने खेतों में जाने के लिए जान जोखिम में डालनी पड़ रही है. वह रस्सी के सहारे नदी पार करते हैं. महिलाओं और बच्चों को भी रस्सी के सहारे ही जान जोखिम में डालकर नदी पार करना पड़ता है. मामला सोनकच्छ तहसील के ग्राम बेराखेड़ी का है. यहां किसी भी वक्त अनहोनी हो सकती है. बड़ा सवाल यही है कि इसका जिम्मेदार कौन होगा? हालांकि ग्रामीणों की मानें तो सबसे ज्यादा परेशानी बारिश के समय ही आती है. बारिश ज्यादा होने से नदी में पानी ज्यादा रहता है, जिससे गांव से दूर नदी पार करके किसानों के खेतों पर जाने वाला रास्ता बंद हो जाता है. किसानों को अपने खेत तक जाने में अपनी जान को खतरे में डालना पड़ता है. यह क्षेत्र पीडब्लूडी मंत्री और क्षेत्रीय विधायक सज्जन सिंह वर्मा का है.

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किसानों की समस्याओं को सुनने वाला कोई नहीं है. ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार लिखित ओर मौखिक शिकायत क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से की है लेकिन आज तक इस समस्या से निजात नहीं मिली. ना तो खेत तक जाने के लिए सड़क है और ना ही पुलिया है और ना ही कोई खेत तक जाने के लिए दूर दूर तक रास्ता है.

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100 मीटर के आगे यह नदी क्षेत्र की सबसे बड़ी कालीसिंध नदी में जाकर मिलती है. किसान अपने खेत तक जाने के लिए रोजाना इसी प्रकार जान को हथेली में लेकर तार और रस्सी के माध्यम से निकलते हैं. ऐसे में कल को कोई हादसा होता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा. 

देवास से अरविंद चौकसे के इनपुट के साथ

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