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This Article is From Jun 12, 2018

दिग्विजय सिंह ने कहा- ज्योतिरादित्य सिंधिया से मतभेद नहीं, मैं CM पद की दौड़ से बाहर 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि, 'कांग्रेस के लिए अच्छा अवसर है, बशर्ते हम लोग अपनी तैयारी पूरी तरह कर लें'.

दिग्विजय सिंह ने कहा- ज्योतिरादित्य सिंधिया से मतभेद नहीं, मैं CM पद की दौड़ से बाहर 
दिग्विजय सिंह ने कहा कि पार्टी में लीडरशिप का प्रश्न है ही नहीं. एक बार भाजपा चुनाव हार जाये, उसके बाद आगे का निर्णय लिया है.
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. भाजपा, कांग्रेस समेत तमाम पार्टियों ने चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि, 'कांग्रेस के लिए अच्छा अवसर है, बशर्ते हम लोग अपनी तैयारी पूरी तरह कर लें'. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने फर्जी मतदाता की शिकायतों पर करीब 10 लाख वोट कम किये हैं. भाजपा की संगठन शक्ति हमसे अच्छी है और वो बोगस वोट कराने में माहिर हैं. इसलिये हमने अभी से शुरुआत कर दी है. दिग्विजय सिंह ने कहा कि मेरा ज्योतिरादित्य सिंधिया ने तो पहले कोई विवाद था और न अब है. हमारे तो बहुत पुराने रिश्ते हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया बहुत काबिल व्यक्ति हैं. केंद्र में पहले अच्छा काम किया है. ज्योतिरादित्य सिंधिया को सीएम का चेहरा बनाये जाने पर कहा कि यह निर्णय पार्टी और राहुल गांधी को लेना है. जहां तक मेरा सवाल है, मैं उस दौड़ में नहीं हूं. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी(बसपा) के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन करने से कांग्रेस को मदद मिलेगी. इससे राज्य के कुछ क्षेत्रों में दलित मतों को हासिल करने में मदद मिलेगी.

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दिग्विजय सिंह ने कहा कि, 'अगर मध्यप्रदेश में चुनाव के परिणामों के आधार पर गठबंधन को देखें.. मुरैना क्षेत्र से ग्वालियर क्षेत्र और सागर क्षेत्र से रीवा क्षेत्र तक, उत्तर प्रदेश की सीमा से लगा क्षेत्र है, जहां बसपा को 10-30,000 वोट मिलते हैं'.उन्होंने कहा, 'अगर आप इन वोटों को देखें तो ये वोट मुख्य रूप से दलितों के हैं..जो 1952 से कांग्रेस को वोट देते आ रहे हैं.. अगर हमारे पास बसपा के साथ चुनाव पूर्व रणनीतिक गठबंधन होगा, तो इससे निश्चय ही मदद मिलेगी'. दिग्विजय सिंह ने प्रणब मुखर्जी के आरएसएस मुख्यालय में एक कार्यक्रम में शिरकत करने के बारे में कहा कि, 'पूर्व राष्ट्रपति ने आरएसएस के उसके ही गढ़ में चुनौती देकर काफी हिम्मत का काम किया है और जो कुछ भी उन्होंने कहा वह आरएसएस के मूल आधार' पर हमला था'. उन्होंने कहा कि पार्टी में लीडरशिप का प्रश्न है ही नहीं. एक बार भाजपा चुनाव हार जाये, उसके बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा. 

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