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This Article is From Sep 11, 2017

कांग्रेस का शिवराज सिंह पर पलटवार, कहा - किसान आत्महत्या और व्यापमं पर कब आएगी शर्म?

कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने शिवराज पर हमला बोला

कांग्रेस का शिवराज सिंह पर पलटवार, कहा - किसान आत्महत्या और व्यापमं पर कब आएगी शर्म?
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को कहा था कि उन्हें शर्म आती है कि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह मध्यप्रदेश के हैं...
भोपाल: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ किए गए ट्वीट पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा दी गई प्रतिक्रिया पर कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने शिवराज पर हमला बोलते हुए कहा कि शिवराज रीट्वीट पर तो शर्म आने की बात कह रहे हैं, मगर उन्हें बीते चार माह में 100 किसानों की आत्महत्या और व्यापमं घोटाला व उसमें मारे गए 50 लोगों की मौत पर कब शर्म आएगी?

कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर किए गए रीट्वीट में आपत्तिजनक भाषा इस्तेमाल होने पर मुख्यमंत्री चौहान ने शनिवार को कहा था कि उन्हें शर्म आती है कि कांग्रेस नेता मध्यप्रदेश के हैं और कभी राज्य के मुख्यमंत्री भी रहे हैं.

उन्होंने कहा था, "यहां तक कि उचक्के भी सड़क पर ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करते हैं. मुझे तो वह शब्द बोलने में शर्म आ रही है." दिग्विजय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मजाक उड़ाते हुए ट्वीट किया था, "मेरी दो उपलब्धियां..को भक्त बनाया और भक्तों को ..बनाया."

शिवराज के इस बयान पर विधानसभा नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने रविवार को एक बयान जारी पूछा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर की गई टिप्पणी पर तो मुख्यमंत्री चौहान को शर्म आती है, लेकिन क्या उन्हें देश के सबसे बड़े व्यापमं महाघोटाले, मंदसौर जिले में किसानों की छाती पर गोली चलाने से छह किसानों की मौत और उनकी सरकार की नीतियों की वजह से पिछले चार माह में आत्महत्या या सदमे में जो किसान मरे हैं उस पर उन्हें शर्म आती है क्या?

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नेता प्रतिपक्ष सिंह ने कहा कि व्यापमं घोटाले से पूरे देश में मप्र शर्मसार हुआ है और यहां से जिन लोगों ने शिक्षा प्राप्त की है उनकी शिक्षा को संदेह की नजर से देखा जा रहा है. इस मामले में 50 से अधिक मौतें हो चुकी हैं और हजारों विद्यार्थियों का भविष्य चौपट हो गया.

सिंह ने कहा कि बालाघाट में निर्दोष 30 लोग विस्फोटक कारखाने में जलकर मर गए. किसान पुत्र होने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री की पुलिस ने छह जून को मंदसौर जिले की पिपल्या मंडी में छह किसानों की छाती पर पुलिस की गोली लगने से हुई मृत्यु क्या शर्मनाक घटना नहीं है. यही नहीं पिछले चार माह में किसान सरकार की नीतियों की वजह से लगातार आत्महत्याएं कर रहे हैं, सदमे में उनकी मौत हो रही है.

नेता प्रतिपक्ष सिंह ने कहा कि एक तरफ व्यापमं घोटाले के बाद आरोपी जेल से छूटते जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर नीट और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में नित नए घोटालों की श्रृंखला आज भी जारी है. किसानों पर गोली चलाने वालों पर आज तक एफआईआर तक दर्ज नहीं हुई. उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह जिन्होंने स्वयं नहीं एक अन्य ट्वीट को री-ट्वीट किया, उस पर शिवराज अपनी भाषा की मर्यादा और पद की गरिमा को ताक पर रखते हुए शर्मसार हो गए, लेकिन उपरोक्त घटनाओं का तो उन्हें अफसोस तक नहीं है.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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