मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोमवार को कहा कि हाल ही में राज्य के विभिन्न इलाकों में आई बाढ़ से प्रभावित सभी लोगों को 15 अक्टूबर तक मुआवजा वितरित कर दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि मुआवजे के लिए पूर्व की तरह उन्हें भटकना नहीं पड़ेगा बल्कि पीड़ितों के पास सरकार जाएगी. उन्हें सरकार के पास नहीं जाना पड़ेगा. कमलनाथ अतिवृष्टि से सर्वाधिक प्रभावित नीमच जिले के ग्राम रामपुरा में बाढ़ राहत शिविर में बाढ़ प्रभावितों से चर्चा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि मालवा, निमाड़, नीमच और मंदसौर क्षेत्र में इस बार इतिहास में सर्वाधिक भारी बारिश हुई है. इससे जो नुकसान हुआ है वह भी बड़ा है.
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कमलनाथ ने कहा कि हम इसका आकलन कर रहे हैं लेकिन केन्द्र सरकार की मदद का इंतजार किए बिना राज्य सरकार ने प्रभावितों को राहत देने का काम 22 सितम्बर से शुरु कर दिया है और अगले 15 अक्टूबर तक हर प्रभावित को मदद दे दी जाएगी. उन्होंने कहा, ‘सरकार आपके साथ है आपके दु:ख-दर्द, पीड़ा और समस्या के साथ साझी है.' कमलनाथ ने कहा, ‘बाढ़ की विभीषिका के दौरान मैं हर घंटे की स्थिति की जानकारी ले रहा था और जिला प्रशासन से निरंतर संपर्क में था.'
उन्होंने कहा कि पीड़ितों को मुआवजा देने के साथ ही सड़कें, पुल-पुलिया, शासकीय भवन और पेयजल सहित अन्य जो नुकसान हुआ है, उसका सुधार का काम भी तत्काल शुरु किया जाएगा. व्यापारी और किसान की फसलों के नुकसान की भी पूरी भरपाई सरकार करेगी. प्रारंभिक आंकलन के अनुसार मध्य प्रदेश में हाल ही में आई बाढ़ से 11,861 करोड़ रुपये की संपत्ति और फसलों का नुकसान हुआ है, जिसके चलते राज्य सरकार ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्यो के लिये केन्द्र सरकार से इसकी मांग की है.
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