मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है. इस बार प्रदर्शन की अगुवाई पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने की. वैसे राज्य सरकार ने इस मामले में अब तक अपना रुख साफ नहीं किया है. वहीं बीजेपी ने मंगलवार को इस मुद्दे पर कई जिला मुख्यालयों में रैली निकाली और मांग की कि सरकार फौरन इस कानून को लागू करे. मंच से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि हमारे संविधान का मूल सिद्धांत है कि जाति धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं होगा. इस काले कानून को लागू होने नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि अमित शाह को दिग्विजय सिंह का भूत सताता है. बिना मेरे भाषण के मेरा नाम दो बार लिया.
केंद्र सरकार को समर्थन दे रहे दलों पर हमला करते हुए दिग्विजय ने कहा कि जिसे डर है इनकम टैक्स का, ईडी का, वो विरोध नहीं करेगा. आरएसएस पर हमला बोलते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि इसके मूल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा है, जिसने महात्मा गांधी की हत्या की. इस विचारधारा ने बाबा साहेब आंबेडकर के संविधान को जलाया था. इस विचारधारा ने 1962 में भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का अपमान किया था. ये लोग देश में हिंदू, मुसलमान, सिख और ईसाई को अलग करना चाहते हैं. ये लोग अंग्रेजों की 'फूट डालो, राज करो' की नीति पर देश पर राज करना चाहते हैं.
प्रदर्शन करने आए लोग एनआरसी से आतंकित दिखे, जिसको लेकर अभी कोई पहल भी नहीं हुई है. वहीं इस मुद्दे को लेकर मध्यप्रदेश में बीजेपी ने मंगलवार को सारे जिला मुख्यालयों में रैली निकालकर मांग की थी कि राज्य सरकार इसे फौरन लागू करे. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था ये अंसभव है, सवाल ही नहीं पैदा होता संसद के बनाये कानून को राज्य सरकार लागू न करे. राज्य सरकार को इसे लागू करना ही होगा. वैसे नागरिकता संशोधन कानून के पारित होने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा था कि इतने महत्वपूर्ण विषय पर कानून बनाने से पहले राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक नहीं बुलाना दुर्भाग्यपूर्ण था, लेकिन इस मामले में अब तक अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है.
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