विधायक भोजराज नाग.
रायपुर:
अंतागढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक और बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष भोजराज को दुर्गा नवमी (कलश विसर्जन) के दिन देवी आती हैं, ऐसा वहां के लोग मानते हैं. भोजराज नाग छत्तीसगढ़ के एक मात्र ऐसे विधायक हैं जिन्हें देवी आती हैं. उन्हें देखने के लिए हज़ारों की संख्या में नागरिक पहुंचे.
देश में शायद ही विधायक को देवी-देवता आने की तस्वीर सामने आती हो. लेकिन छत्तीसगढ़ में ऐसा नहीं है. यहां जिन पर अंधविश्वास दूर करने का जिम्मा है ऐसे विधायक भोजराज नाग अपने घर पर ही झाड़ फूंक का काम भी करते हैं. वे झाड़ फूंक के माध्यम से सर दर्द, ज़ुखाम, बुखार और बुरी नज़र उतारकर आदमी को स्वस्थ करने का दावा करते हैं.
भोजराज नाग वैसे इस बार अंतागढ़ विधानसभा क्षेत्र के चुनाव में प्रत्याशी की रेस से बाहर हैं. वर्तमान समय में भाजपा से मंतुराम पवार और सांसद विक्रम देव उसेंडी का नाम आगे चल रहा है.
अंतागढ़ नगर से 3 किलोमीटर दूर स्थित जोगीधारा नदी में कलश विसर्जन किया जाता है. शीतला मंदिर से सारे श्रद्धालु और देवी देवता, आंगा देव अपने साथ सभी कलश को अंतिम विदाई देते हैं. विदाई से पूर्व इलाके के 50 से अधिक देवी देवता एक साथ नाचते हैं. जैसे किसी मेले का शुभारंभ हो रहा हो.
विधायक भोजराज. की सुरक्षा में लगे सुरक्षाबल के जवानों को दुर्गा नवमी के दिन कुछ ज़्यादा ही पसीना बहाना पड़ता है. विधायक इधर से उधर नाचते रहते हैं जिससे उनके पीछे-पीछे उनकी सुरक्षा के लिए जवानों को भी जाना पड़ता है.
(जयंत रंगारी के इनपुट के साथ)
देश में शायद ही विधायक को देवी-देवता आने की तस्वीर सामने आती हो. लेकिन छत्तीसगढ़ में ऐसा नहीं है. यहां जिन पर अंधविश्वास दूर करने का जिम्मा है ऐसे विधायक भोजराज नाग अपने घर पर ही झाड़ फूंक का काम भी करते हैं. वे झाड़ फूंक के माध्यम से सर दर्द, ज़ुखाम, बुखार और बुरी नज़र उतारकर आदमी को स्वस्थ करने का दावा करते हैं.
भोजराज नाग वैसे इस बार अंतागढ़ विधानसभा क्षेत्र के चुनाव में प्रत्याशी की रेस से बाहर हैं. वर्तमान समय में भाजपा से मंतुराम पवार और सांसद विक्रम देव उसेंडी का नाम आगे चल रहा है.
अंतागढ़ नगर से 3 किलोमीटर दूर स्थित जोगीधारा नदी में कलश विसर्जन किया जाता है. शीतला मंदिर से सारे श्रद्धालु और देवी देवता, आंगा देव अपने साथ सभी कलश को अंतिम विदाई देते हैं. विदाई से पूर्व इलाके के 50 से अधिक देवी देवता एक साथ नाचते हैं. जैसे किसी मेले का शुभारंभ हो रहा हो.
विधायक भोजराज. की सुरक्षा में लगे सुरक्षाबल के जवानों को दुर्गा नवमी के दिन कुछ ज़्यादा ही पसीना बहाना पड़ता है. विधायक इधर से उधर नाचते रहते हैं जिससे उनके पीछे-पीछे उनकी सुरक्षा के लिए जवानों को भी जाना पड़ता है.
(जयंत रंगारी के इनपुट के साथ)
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