विज्ञापन
This Article is From Sep 27, 2017

छत्तीसगढ़ में पत्रकारों को मरवाने की हिदायत देने वाले ऑडियो की जांच के आदेश

इस ऑडियो में एक वायरलेस सेट में दो लोगों के मध्य संवाद है, जिसमें एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को एलर्ट रहने और जो पत्रकार नक्सलियों को कवर करने जाए उसे मरवाने की हिदायत दे रहा है. वहीं दूसरा व्यक्ति राजर सर, राजर सर, ठीक है, ओके कह रहा है.

छत्तीसगढ़ में पत्रकारों को मरवाने की हिदायत देने वाले ऑडियो की जांच के आदेश
प्रतीकात्मक चित्र
  • छत्तीसगढ़ में मीडिया निशाने पर
  • नक्सल रिपोर्टिंग करने वालों पर ध्यान
  • ऑडियो में पत्रकारों पर हमले की बात
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
रायपुर: देश में पिछले कुछ दिनों पत्रकारों पर जानलेवा हमला या फिर उनकी हत्याओं की घटनाओं पर विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं. ऐसे में छत्तीसगढ़ में कथित रूप से वायरलेस मैसेज में नक्सलियों की खबर बनाने वाले पत्रकारों को मरवाने की हिदायत देने का एक ऑ​डियो के सामने आने के बाद इसकी जांच के आदेश दिए गए हैं. छत्तीसगढ़ में सोशल मीडिया 'वाटसअप' के अनेक समूहों में एक ऑडियो वारयल हो रहा है. इस ऑडियो में एक वायरलेस सेट में दो लोगों के मध्य संवाद है, जिसमें एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को एलर्ट रहने और जो पत्रकार नक्सलियों को कवर करने जाए उसे मरवाने की हिदायत दे रहा है. वहीं दूसरा व्यक्ति राजर सर, राजर सर, ठीक है, ओके कह रहा है.

ऑडियो के सामने आने के बाद राज्य में मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं. नक्सल मामलों के विशेष पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी ने बताया कि उन्होंने ऑडियो को सुना है तथा बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक को मामले की जांच करने के लिए कहा है. अवस्थी ने कहा कि अभी यह जानकारी नहीं मिली है कि इसकी सच्चाई क्या है. जांच के बाद ही इस संबंध में सही जानकारी मिल सकेगी. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

यह भी पढ़ें : मोहाली : वरिष्ठ पत्रकार केजे सिंह और उनकी मां घर में मृत पाए गए, हत्या की आशंका

वहीं कुछ पुलिस अधिकारियों के मुताबिक इस तरह का आडियो वर्ष 2004—05 में भी सामने आया था. हालांकि उन्होंने यह दावा नहीं किया कि यह वही ऑडियो का हिस्सा है. इधर, ऑडियो के सामने आने के बाद राज्य के वरिष्ठ पत्रकारों और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इसकी तीखी आलोचना की है.

वरिष्ठ पत्रकार रमेश नैयर ने कहा है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पत्रकार दोहरे दबाव में कार्य करते हैं. इसके बाद भी वह सच्चाई को लोगों के सामने लाने के लिए प्रयासरत हैं. ऐसे में इस ऑडियो का सामने आना चिंताजनक है.
VIDEO: गौरी लंकेश की हत्या से जुड़ी रिपोर्ट

नैयर ने कहा कि मामले की जांच होनी चाहिए तथा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. वहीं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता भूजीत दोशी ने कहा है कि यह मामला गंभीर है तथा इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए. उन्होंने दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. (भाषा)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com