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This Article is From Nov 22, 2019

मिल गया दिल्ली में प्रदूषण कम करने का फॉर्मूला, 'पैड वुमन' ने ऐसे बना दिया सेनेटरी नैपकिन- देखें Video

छत्तीसगढ़ के धमतरी में एक महिला ने धान की पराली से सेनेटरी नैपकिन बनाया है. फिलहाल ये प्रयोग अलग-अलग मानकों जांच की प्रक्रिया में है, दावा है कि ये पूरी तरह से डिकंपोज हो सकता है.

मिल गया दिल्ली में प्रदूषण कम करने का फॉर्मूला, 'पैड वुमन' ने ऐसे बना दिया सेनेटरी नैपकिन- देखें Video
पराली से 'पैड वुमन' सुमिता पंजवानी ने बनाया सेनेटरी नैपकिन
धमतरी, छत्तीसगढ़:

छत्तीसगढ़ के धमतरी में एक महिला ने धान की पराली से सेनेटरी नैपकिन बनाया है. फिलहाल ये प्रयोग अलग-अलग मानकों जांच की प्रक्रिया में है, दावा है कि ये पूरी तरह से डिकंपोज हो सकता है. इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय की मदद से तैयार किया गया ये प्रयोग अगले साल अप्रैल-मई में लॉन्च हो सकता है, जिससे ना सिर्फ महिलाओं को सस्ते हाईजिन का विकल्प मिलेगा बल्कि सफल होने पर ये पराली के प्रदूषण खत्म करने के साथ किसानों की आय भी बढ़ा सकता है.

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देश की राजधानी की आबोहवा पराली के धुंए से प्रदूषण के धुंध में लिपटी रहती है. दिल्ली से दूर धमतरी में अगर पराली से पैड बनाने का प्रयोग हुआ है जो टेस्टिंग की प्रक्रिया में है. इसे बनाने वाली सुमिता पंजवानी जबलपुर कृषि विश्वविद्यालय में जूनियर साइंटिस्ट रह चुकी हैं. उनका दावा है कि पराली में अलग-अलग रसायनों का प्रयोग उसे एक तरह के कॉटन में तब्दील कर सकता है, जिसे इस्तेमाल होने के बाद मिट्टी में डालने से उसका खाद की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है.

सुभाष साहेब की रिपोर्ट के मुताबिक सुमिता पंजवानी ने कहा, पैरा से हमने सैल्यूलोज निकालकर सैनिटरी नैपकिन बनाया है, इस एक उत्पाद से प्रदूषण, महिलाओं की स्वास्थ्य समस्याएं और किसानों के सशक्तिकरण पर काम कर रहे हैं. जानकारों का कहना है कि ऐसे पैड्स के लिये सबसे जरूरी है सफाई का ध्यान. वहीं, डॉ बीके साहू ने कहा, इसे बनाने में सफाई का ध्यान दिया हो, जिसमें जो दूसरे सामान लगाये गये हैं उससे किसी को अलर्जी ना हो तो ये बिल्कुल साफ सुथरा और फायदेमंद चीज है.

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दावा है कि पराली से बने ये नैपकिन 2-3 रूपये में मिल सकते हैं ताकि हर वर्ग की पहुंचे में रहे. पैरा नैपकिन बनाने वाली पैड वूमन का दावा है कि ये कॉटन की तरह होता है, पूरी तरह जीरो वेस्ट टेक्नालॉजी से बना ये नैपकिन उपयोग के बाद डिकम्पोज होकर सड़ जाएगी. अभी इसे मुंबई भेजा गया है. वहां से आने के बाद इसकी टेस्टिंग शुरू हो जाएगी.

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