पीएम नरेंद्र मोदी के साथ उज्जैन से बीजेपी सांसद चिंतामणि मालवीय.
नई दिल्ली:
दिवाली के मौके पर पटाखे जलाने पर रोक नहीं रहेगी, लेकिन इसमें एक शर्त है. सुप्रीम कोर्ट का फैसला है कि रात 8-10 बजे तक ही पटाखे जलाए जा सकेंगे और इसकी ऑनलाइन बिक्री पर भी रोक है. सर्वोच्च न्यायालय के इस आदेश का भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद चिंतामणि मालवीय (Chintamani Malviya) ने विरोध किया है. उन्होंने ट्वीट कर ऐलान किया है कि उन्हें हिन्दू परंपरा में किसी की दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं है और वह इसके लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं. सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, यह समयसीमा (8-10 बजे तक) पूरे देश पर लागू होगी. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा, इस आदेश पर अमल करने के लिए हर इलाके का SHO जवाबदेह होगा, और अगर आदेश का पालन नहीं हुआ, तो SHO को निजी तौर पर कोर्ट की अवमानना का दोषी माना जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद उज्जैन से BJP सांसद चिंतामणि मालवीय ने ट्वीट किया, मैं अपनी दिवाली अपने परंपरागत तरीके से मनाऊंगा और रात में लक्ष्मी पूजन के बाद 10 बजे के बाद ही पटाखे जलाऊंगा. हमारी हिन्दू परंपरा में किसी की भी दखलंदाजी मैं हरगिज बर्दाश्त नहीं कर सकता. मेरी धार्मिक परंपराओं के लिए अगर मुझे जेल भी जाना पड़े तो मैं खुशी-खुशी जेल भी चला जाऊंगा.
बीजेपी सांसद ने कहा, 'हमारी धार्मिक परंपराएं और त्योहार हिंदू कैलेंडर के मुताबिक होते हैं. मैं दिवाली पर तभी पटाखे फोड़ूंगा जब पूजा खत्म कर लूंगा. त्योहारों को हम समयसीमा में नहीं बांध सकते. ऐसे प्रतिबंध तो मुगलों के काल में भी नहीं लगे थे. यह स्वीकार नहीं है.'
यह भी पढ़ें : दीपावली पर लाइसेंस रखने वाले दुकानदार ही बेच सकेंगे पटाखे, ऑनलाइन बेचने पर अवमानना : सुप्रीम कोर्ट
बता दें कि पटाखों की बिक्री पर लगा बैन सुप्रीम कोर्ट ने आज कुछ शर्तों के साथ हटाया है. सुप्रीम कोर्ट की तरफ से केंद और राज्य सरकार को निर्देश दिए गए हैं और कहा गया है कि कम प्रदूषण वाले ग्रीन पटाखे का ही इस्तमाल किए जा सकेंगे. ये याचिका तीन बच्चों की तरफ से साल 2015 में दायर की गई थी.
VIDEO : पटाखों पर बैन नहीं, मगर शर्तों के साथ जला सकेंगे
बच्चों की तरफ से वकील गोपाल संकरानारायण ने पटाखों की बिक्री पर पूरी तरह से बैन लगाने की अपील की थी, लेकिन जनता का ये भी कहना है कि क्या एक ही दिन पटाखे जलाने से इतना प्रदूषण हो जाता है कि उस पर इतनी सख़्ती की जरूरत है.
में अपनी दीवाली अपने परम्परागत तरीके से मनाऊंगा और रात में लक्ष्मी पूजन के बाद 10 बजे के बाद ही पटाखे जलाऊंगा । हमारी हिन्दू परंपरा में किसी की भी दखलंदाजी में हरगिज बर्दाश्त नही कर सकता । मेरी धार्मिक परम्पराओं के लिए यदि मुझे जेल भी जाना पड़े तो में खुशी खुशी जेल भी जाऊंगा । pic.twitter.com/Vvmyqmyxln
— Chintamani Malviya (@drchintamani) October 23, 2018
सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद उज्जैन से BJP सांसद चिंतामणि मालवीय ने ट्वीट किया, मैं अपनी दिवाली अपने परंपरागत तरीके से मनाऊंगा और रात में लक्ष्मी पूजन के बाद 10 बजे के बाद ही पटाखे जलाऊंगा. हमारी हिन्दू परंपरा में किसी की भी दखलंदाजी मैं हरगिज बर्दाश्त नहीं कर सकता. मेरी धार्मिक परंपराओं के लिए अगर मुझे जेल भी जाना पड़े तो मैं खुशी-खुशी जेल भी चला जाऊंगा.
Our religions traditions and festivals are followed by Hindu calendar. I will burst crackers only when I finish puja, we can't set time limits on festivals, such restrictions were not even in Mughal times. Its unacceptable: BJP MP Chintamani Malviya on SC order on #firecrackers pic.twitter.com/AEDkKFg0YD
— ANI (@ANI) October 23, 2018
बीजेपी सांसद ने कहा, 'हमारी धार्मिक परंपराएं और त्योहार हिंदू कैलेंडर के मुताबिक होते हैं. मैं दिवाली पर तभी पटाखे फोड़ूंगा जब पूजा खत्म कर लूंगा. त्योहारों को हम समयसीमा में नहीं बांध सकते. ऐसे प्रतिबंध तो मुगलों के काल में भी नहीं लगे थे. यह स्वीकार नहीं है.'
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बता दें कि पटाखों की बिक्री पर लगा बैन सुप्रीम कोर्ट ने आज कुछ शर्तों के साथ हटाया है. सुप्रीम कोर्ट की तरफ से केंद और राज्य सरकार को निर्देश दिए गए हैं और कहा गया है कि कम प्रदूषण वाले ग्रीन पटाखे का ही इस्तमाल किए जा सकेंगे. ये याचिका तीन बच्चों की तरफ से साल 2015 में दायर की गई थी.
VIDEO : पटाखों पर बैन नहीं, मगर शर्तों के साथ जला सकेंगे
बच्चों की तरफ से वकील गोपाल संकरानारायण ने पटाखों की बिक्री पर पूरी तरह से बैन लगाने की अपील की थी, लेकिन जनता का ये भी कहना है कि क्या एक ही दिन पटाखे जलाने से इतना प्रदूषण हो जाता है कि उस पर इतनी सख़्ती की जरूरत है.
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