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This Article is From Jun 01, 2018

मध्‍य प्रदेश में 60 लाख फर्जी मतदाता! एक फोटो से 23 वोटर कार्ड

भोजपुर विधानसभा के मतदाता केंद्र 245 में मतदाता कार्ड नंबर आईजेपी 3297140 वाले देवचंद इसी बूथ पर आईजेपी 3297249 से मुकेश कुमार हो गये.

मध्‍य प्रदेश में 60 लाख फर्जी मतदाता! एक फोटो से 23 वोटर कार्ड
भोपाल: एक पोलिंग बूथ, 23 मतदाता, सबकी तस्वीर एक जैसी. कभी ये फौजिया के नाम से हो तो कभी ये दिलीप और प्रकाश के नाम से. फिर यही फोटो आपको दूसरे पोलिंग बूथ पर भी 13 मतदाताओं के नाम पर लगी मिले तो आप क्या कहेंगे. यही नहीं, एक मतदाता कार्ड नंबर चार मतदाताओं को बंटा है. ऐसी ही ढेर सारी गड़बड़ियों वाली मतदाता सूची द पॉलिटिक्स.इन नाम के स्टार्ट अप से एनडीटीवी के हाथ लगी है. चुनाव आयोग ने इसे देखने के बाद लिस्ट से खामियां दूर करने की बात कही है.

भोजपुर विधानसभा के मतदाता केंद्र 245 में मतदाता कार्ड नंबर आईजेपी 3297140 वाले देवचंद इसी बूथ पर आईजेपी 3297249 से मुकेश कुमार हो गये. बूथ नंबर 270 में यही तस्वीर तीन अलग अलग नामों से है. पोलिंग बूथ नंबर 272 पर दो नाम से बूथ नंबर 273 में चार नाम से तो 275 में दो नाम से 276 में भीमसेन नाम से तो बूथ नंबर 280 में तीन अलग-अलग नामों से है.

भोजपुर पोलिंग बूथ नंबर 199 मतदाता कार्ड नंबर आईजेपी 3488426 नाम फौजिया खान, यही तस्वीर मतदाता कार्ड नंबर आईजेपी 3489499 पर प्रमिला के नाम से है. वैसे ये तस्वीर सिर्फ फौजिया और प्रमिला नहीं, हद इस बात की महिला की तस्वीर पर कार्ड प्रकाश और दिलिप सिंह के भी बने हैं. मतदान केंद्र नंबर 200 में भी यही फोटो 13 और जगहों पर है, अलग-अलग नाम से. यानी 36 मतदाता कार्ड एक ही फोटो से बने हैं.

कांग्रेस का आरोप है कि इन दस्तावेजों का पुलिंदा वो दिल्ली लेकर जाएंगे क्योंकि प्रदेश में ऐसे 1-2 नहीं बल्कि 60 लाख फर्जी वोटर हैं जिसे सराकर ने प्रशासन की मदद से तैयार किया है. कांग्रेस प्रवक्ता मानक अग्रवाल ने कहा, 'एक फोटो है, 40 लोग मतदान कर रहे हैं, उसमें भी पुरूष हैं, महिला भी. पूरे मध्यप्रदेश में हुआ है, हमें जो जानकारी है उसमें 60 लाख फर्जी वोट तैयार किये गये हैं, सारे कलेक्टरों का उपयोग किया गया है. उनको माध्यम बनाया है बीजेपी सरकार ने.

बीजेपी भी कह रही है ऐसी लिस्ट की जांच हो और खामियां दूर की जाएं. पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री विश्वास सारंग ने कहा, 'वोटर लिस्ट में गलती है तो उसका निराकरण हो लेकिन कहा जाता है कि वोटर लिस्ट ब्रेक नहीं हो सकता ये भी जांच का विषय है. इसमें सरकार या सरकारी अमले का लेना देना नहीं है, चुनाव आयोग को जांच करनी चाहिये.'

ऐसी लिस्ट सिर्फ एक विधानसभा नहीं बल्कि कई विधानसभा क्षेत्रों में मिली. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सलीना सिंह ने कहा, 'कुछ तस्वीरें पूर्व वर्षों से हैं, शायद अमले ने जब मतदाता पत्र में तस्वीर लगाने का काम किया तब उनके पास जो तस्वीर नहीं थीं, वहां एक जैसी तस्वीर चिपका दी. मुद्दा ये है ये नहीं होना चाहिये. हम लोग सूची निकाल रहे हैं, प्रयास कर रहे हैं कि हर जिले से वो चेहरे हटा सकें. पूरी प्रक्रिया में सबसे अहम बीएलओ है, कलेक्टर सुपरवाइज करेंगे ये फोटो कटेंगी.

VIDEO: मध्य प्रदेश में कितने फर्जी वोटर?

पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान मध्य प्रदेश में 26 फीसदी नए मतदाता बढ़े थे जो देश में सबसे ज्यादा है. आमतौर पर इसमें दस फीसदी का इज़ाफा होता है. आरोप है कि इन नये मतदाताओं से सत्ताधारी दल को दोबारा वापसी में मदद मिली और अब वो चाहते हैं चुनाव से पहले फर्जी नाम वोटर लिस्ट से हटाए जाएं.

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