प्रतीकात्मक तस्वीर
इंदौर:
शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवायएच) में नवजात बच्चों की गहन चिकित्सा इकाई (एनआईसीयू) में गुरुवार को भीषण आग लगने से भारी अफरा-तफरी के बीच 47 बच्चों को सुरक्षित बचाया गया. इस हादसे में किसी शिशु की मौत की फिलहाल कोई सूचना नहीं है. सूत्रों ने बताया कि आग की शुरुआत अस्पताल की दूसरी मंजिल पर स्थित एनआईसीयू की "आउट बोर्न यूनिट" से हुई.
इसी इकाई को आग में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ जहां रखे वेंटिलेटर और अन्य महंगी मशीनें जलकर खाक हो गयीं. बता दें कि "आउट बोर्न यूनिट" में गंभीर रूप से बीमार उन नवजात बच्चों को रखा जाता है, जो दूसरे अस्पतालों में पैदाइश के बाद बेहतर इलाज के लिये एमवायएच लाये जाते हैं. सूत्रों ने बताया कि आग के विकराल रूप धारण करने से पहले एनआईसीयू में भर्ती नवजात शिशुओं को दूसरे वार्डों में पहुंचाया गया.
यह भी पढ़ें - लखीसराय में एक व्यक्ति ने पत्नी और बेटी की निर्मम हत्या करके घर के सामने शव जलाए
अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. हेमंत जैन ने बताया कि अग्निकांड में किसी भी नवजात बच्चे की मौत की फिलहाल कोई सूचना नहीं है. उन्होंने बताया कि हादसे के वक्त एनआईसीयू में भर्ती 47 बच्चों को अस्पताल के अन्य आईसीयू में पहुंचाया गया, जहां उनका समुचित इलाज जारी है. इंदौर संभाग के आयुक्त (राजस्व) संजय दुबे ने भी कहा कि फिलहाल अग्निकांड में किसी भी नवजात बच्चे की मौत की कोई सूचना नहीं है. उन्होंने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए अग्निकांड की जांच के आदेश दिये जायेंगे.
अग्निशमन विभाग के मौके पर मौजूद सब इंस्पेक्टर एसएन शर्मा ने बताया, "जब हम आग बुझाने एनआईसीयू में घुसे, तो आग की भीषण लपटें उठ रही थीं और गहरे धुएं के कारण सांस लेना मुश्किल हो रहा था." उन्होंने बताया कि करीब 40 अग्निशमन कर्मियों ने आग पर आधे घंटे के भीतर काबू पा लिया. आग बुझाने में दमकल की चार गाड़ियां लगीं.
यह भी पढ़ें - लुधियाना अग्निकांड: आग में 13 की जान लील लेने वाली फैक्टरी का मालिक गिरफ्तार
शर्मा ने बताया कि अग्निशमन कर्मियों के मौके पर पहुंचने से पहले ज्यादातर बच्चों को एनआईसीयू से बाहर निकाल लिया गया था. इन कर्मियों ने दो-तीन नवजात बच्चों को एनआईसीयू से बाहर निकालने में अस्पताल के कर्मचारियों की मदद की. उन्होंने कहा कि पहली नजर में संदेह है कि एनआईसीयू में बिजली के किसी उपकरण में खराबी के चलते आग लगी. हालांकि, इसका असल कारण विस्तृत जांच के बाद ही पता चल सकेगा.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
इसी इकाई को आग में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ जहां रखे वेंटिलेटर और अन्य महंगी मशीनें जलकर खाक हो गयीं. बता दें कि "आउट बोर्न यूनिट" में गंभीर रूप से बीमार उन नवजात बच्चों को रखा जाता है, जो दूसरे अस्पतालों में पैदाइश के बाद बेहतर इलाज के लिये एमवायएच लाये जाते हैं. सूत्रों ने बताया कि आग के विकराल रूप धारण करने से पहले एनआईसीयू में भर्ती नवजात शिशुओं को दूसरे वार्डों में पहुंचाया गया.
यह भी पढ़ें - लखीसराय में एक व्यक्ति ने पत्नी और बेटी की निर्मम हत्या करके घर के सामने शव जलाए
अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. हेमंत जैन ने बताया कि अग्निकांड में किसी भी नवजात बच्चे की मौत की फिलहाल कोई सूचना नहीं है. उन्होंने बताया कि हादसे के वक्त एनआईसीयू में भर्ती 47 बच्चों को अस्पताल के अन्य आईसीयू में पहुंचाया गया, जहां उनका समुचित इलाज जारी है. इंदौर संभाग के आयुक्त (राजस्व) संजय दुबे ने भी कहा कि फिलहाल अग्निकांड में किसी भी नवजात बच्चे की मौत की कोई सूचना नहीं है. उन्होंने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए अग्निकांड की जांच के आदेश दिये जायेंगे.
अग्निशमन विभाग के मौके पर मौजूद सब इंस्पेक्टर एसएन शर्मा ने बताया, "जब हम आग बुझाने एनआईसीयू में घुसे, तो आग की भीषण लपटें उठ रही थीं और गहरे धुएं के कारण सांस लेना मुश्किल हो रहा था." उन्होंने बताया कि करीब 40 अग्निशमन कर्मियों ने आग पर आधे घंटे के भीतर काबू पा लिया. आग बुझाने में दमकल की चार गाड़ियां लगीं.
यह भी पढ़ें - लुधियाना अग्निकांड: आग में 13 की जान लील लेने वाली फैक्टरी का मालिक गिरफ्तार
शर्मा ने बताया कि अग्निशमन कर्मियों के मौके पर पहुंचने से पहले ज्यादातर बच्चों को एनआईसीयू से बाहर निकाल लिया गया था. इन कर्मियों ने दो-तीन नवजात बच्चों को एनआईसीयू से बाहर निकालने में अस्पताल के कर्मचारियों की मदद की. उन्होंने कहा कि पहली नजर में संदेह है कि एनआईसीयू में बिजली के किसी उपकरण में खराबी के चलते आग लगी. हालांकि, इसका असल कारण विस्तृत जांच के बाद ही पता चल सकेगा.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं