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This Article is From Apr 27, 2017

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस ने कहा, राष्ट्रपति के पास दिल्ली सरकार को बर्खास्त करने का पूरा आधार

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस ने कहा, राष्ट्रपति के पास दिल्ली सरकार को बर्खास्त करने का पूरा आधार
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मार्कंडेय काटजू अपने बयानों और विचारों को लेकर अकसर खबरों में बने रहते हैं. नए बयान में उन्होंने कहा है कि राष्ट्रपति के पास अब पूरा आधार है कि वह दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार को बर्खास्त कर दें.

जस्टिस काटजू ने  गुरुवार को हुए चुनाव के बाद आए दिल्ली की तीनों नगर निगमों के परिणामों के बाद यह बात कही है. जस्टिस काटजू ने कहा कि दिल्ली में एमसीडी चुनावों के बाद मिले परिणामों को देखते हुए राष्ट्रपति को दिल्ली सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि स्थानीय निकाय चुनाव के बाद राष्ट्रपति के पास उचित आधार है कि वह दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार को बर्खास्त  कर दें और दिल्ली विधानसभा के चुनाव फिर करवाएं.
 
markandeya katju
(जस्टिस मार्कंडेय काटजू)

अपनी बात को कानूनी अमलीजामा पहनाने के लिए जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने एक केस का हवाला भी दिया है. जस्टिस काटजू ने कहा कि स्टेट ऑफ राजस्थान बनाम यूनियन ऑफ इंडिया, एआईआर1997  एससी 1361 केस में सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की बेंच ने यह व्यवस्था दी थी कि अगर कोई पार्टी किसी चुनाव में बुरी तरह हार जाती है  तो इसका अर्थ यह है कि अब वह पार्टी लोगों की इच्छा नहीं दर्शाती. और लोग अब पूरी तरह पार्टी के खिलाफ हो गए हैं. यह, यह भी बताात है कि जनता और पार्टी में दूरी आ गई है. 
  जस्टिस काटजू ने कहा, क्योंकि लोकतंत्र में लोगों को राय सबसे अहम है और ऐसा माना जाता है कि विधायक लोगों की राय का प्रतिनिधित्व करता है. इसलिए बाद की किसी भी चुनाव में पार्टी की बुरी हार का मतलब यह है कि पार्टी अब लोगों की इच्छा का प्रतिनिधित्व नहीं करती. इसलिए ऐसी सरकार  को संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत बर्खास्त किया जा सकता है. और पुन: चुनाव का आदेश दे दिया जाना चाहिए.




जस्टिस काटजू ने इसी के साथ यह भी साफ किया कि इस केस के तथ्य और मुद्दा अलग था. उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने इस केस में यह बात कही थी. लेकिन इस केस में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई व्यवस्था दिल्ली के मामले में भी लागू होती है. एमसीडी चुनाव बात यह साफ है कि यहां पर आम आदमी पार्टी अब  दिल्ली के लोगों की इच्छा का प्रतिनिधित्व अब नहीं कर रही है. 

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