- करीब 300 करोड़ रुपये के सरकारी जमीन घोटाले में पार्थ पवार के हस्ताक्षर वाला पत्र सामने आया है
- पत्र में मुंढवा की सर्वे नंबर 88 वाली जमीन के कागजों पर नाम दर्ज करने की प्रक्रिया तेज करने का जिक्र
- यह जमीन ‘महार वतन’ की 40 एकड़ है, जिस पर 300 करोड़ रुपये का अवैध लेनदेन होने का आरोप है
पुणे के मुंढवा इलाके में हुए करीब 300 करोड़ रुपये के सरकारी जमीन घोटाले में बड़ा मोड़ आया है. दरअसल अब इस मामले में एक ऐसा पत्र सामने आया है, जिस पर कथित तौर पर पार्थ पवार के हस्ताक्षर हैं. दावा किया जा रहा है कि यह पत्र साबित करता है कि इस जमीन घोटाले से पार्थ पवार का सीधा संबंध है.
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पत्र में क्या है?
कथित पत्र में पार्थ पवार ने प्रशासन से मांग की थी कि मुंढवा की सर्वे नंबर 88 वाली जमीन के सरकारी कागजों पर नाम दर्ज करने की प्रक्रिया को तेज किया जाए. यह पत्र 15 नवंबर 2021 का है, जिसमें 10 नवंबर 2021 को दिए गए पुराने आवेदन का संदर्भ देते हुए काम में तेजी लाने की बात कही गई है. यह वही 40 एकड़ की ‘महार वतन' जमीन है, जिसे करीब 300 करोड़ रुपये का घोटाला बताया जा रहा है.
आरोप क्या हैं?
आरोप है कि पार्थ पवार के हस्ताक्षर वाला यह पत्र बताता है कि वे इस विवादित सौदे में न सिर्फ शामिल थे, बल्कि सरकारी अधिकारियों पर काम जल्दी करने का दबाव भी बना रहे थे. इस मामले में मुख्य आरोपी शीतल तेजवानी को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. वह ‘अमेडिया' कंपनी की पॉवर ऑफ अटॉर्नी होल्डर थीं.
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कंपनी और जमीन का कनेक्शन
यह मामला मुंढवा में ‘महार वतन' की 40 एकड़ सरकारी जमीन की अवैध खरीद-बिक्री से जुड़ा है. पार्थ पवार इस लेनदेन में शामिल ‘अमेडिया' कंपनी के निदेशक और 99% शेयर होल्डर बताए जाते हैं.
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