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तिलक, रक्षा सूत्र और गोमूत्र… गरबा पंडालों में एंट्री के लिए VHP का फरमान, तेज हुई सियासत

Navratri 2025: 22 सितंबर के शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो रही है. इस दौरान महाराष्ट्र में गरबा के आयोजन की पुरानी परंपरा है. लेकिन बीत कुछ सालों में गरबा पंडालों में गैर हिंदू के प्रवेश की भी कई खबरें सामने आई है. ऐसे में इस बार महाराष्ट्र में गरबा पंडालों में प्रवेश के लिए विश्व हिंदू परिषद ने सख्त दिशा निर्देश जारी किए हैं.

तिलक, रक्षा सूत्र और गोमूत्र… गरबा पंडालों में एंट्री के लिए VHP का फरमान, तेज हुई सियासत
गरबा पंडालों में प्रवेश पूर्व जांच के सख्त दिशा निर्देश जारी किए गए हैं.
  • विश्व हिंदू परिषद ने गरबा पंडालों में लोगों को प्रवेश की अनुमति देने के सख्त दिशा निर्देश जारी किए हैं
  • गरबा में प्रवेश के लिए माथे पर तिलक, हाथ में रक्षा सूत्र, देवी की पूजा और गोमूत्र का छिड़काव अनिवार्य किया है.
  • VHP का मुख्य उद्देश्य लव जिहाद जैसी घटनाओं को रोकना बताया गया है. निगरानी के लिए कार्यकर्ता तैनात किए जाएंगे.
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नागपुर:

Maharashtra Garba: नागपुर में विश्व हिंदू परिषद ने प्रेस कांफ्रेंस कर गरबा पंडालों में प्रवेश के लिए सख्त दिशा निर्देश जारी किए हैं. इन दिशा निर्देशों के अनुसार, गरबा पंडाल में केवल हिंदू समुदाय के लोगों को ही प्रवेश की अनुमति होगी. प्रवेश करने वाले लोगों को माथे पर तिलक लगाना होगा, हाथ में रक्षा सूत्र बांधना होगा, और देवी की पूजा करनी होगी. साथ ही, उन पर गोमूत्र का छिड़काव भी किया जाएगा. इन नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए प्रवेश द्वार पर भगवान विष्णु के वराह अवतार की तस्वीर लगाई जाएगी और पंडाल में प्रवेश करने वालों को पहले उनकी पूजा करनी होगी, तब ही प्रवेश कर पाएंगे.

गरबा पंडाल में प्रवेश से पहले करनी होगी भगवान वराह की पूजा

भगवान विष्णु के वराह अवतार, उनके तीसरे अवतार हैं, जिसमें उन्होंने पृथ्वी को राक्षस हिरण्याक्ष से बचाने के लिए एक विशाल सूअर का रूप धारण किया था. इन दिशा निर्देशों का मुख्य उद्देश्य 'लव जिहाद' जैसी घटनाओं को रोकना है. इन नियमों का पालन हो रहा है या नहीं, इसकी निगरानी के लिए VHP और बजरंग दल के कार्यकर्ता गरबा मंडपों पर नजर रखेंगे.

विश्व हिंदू परिषद के विदर्भ के महामंत्री प्रशांत तितरे ने इस बात की जानकारी दी. दूसरी ओर गरबा पंडालों में प्रवेश को लेकर विश्व हिंदू परिषद द्वारा बनाए गए सख्त दिशा निर्देशों पर सियासी दलों के नेताओं की प्रतिक्रिया भी सामने आई है.

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संजय राउत बोले- जहर बोने का काम महाराष्ट्र को शोभा नहीं देता

शिवसेना उद्धव गुट के सांसद संजय राउत ने कहा कि इस देश में धार्मिक और कट्टर माहौल बनाने का काम ही उनकी रोजी-रोटी है. मैं सर्वधर्म समभाव सामंजस्य स्थापित करने की बातें नहीं कर रहा हूं, ठीक है, लेकिन जिस प्रकार से यह जहर बोने का काम चालू है, वह महाराष्ट्र को और देश को शोभा नहीं देता.

दूसरी शिवसेना शिंदे गुट के विधायक दीपक केसरकर ने कहा, “गरबा प्रत्येक संस्था आयोजित करती है. और इसी वजह से वो संस्था गरबा के कार्यक्रम कैसे व्यवस्थित करेगी, इसकी चिंता उनको करनी चाहिए. इसके बारे में सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी करना ठीक नहीं है."

कांग्रेस नेता बोले- धर्म की आग लगाकर राजनीति

गरबा पर VHP के फरमान पर कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि वे धर्म की आग लगाकर, समाज में दरार डालकर धर्म की राजनीति करना चाहते हैं, तो उन्हें करने दीजिए. विश्व हिंदू परिषद का ये कोई नया बयान नहीं है, ये देश को अस्थिर करने के लिए ही पैदा हुआ है.

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BJP मंत्री बोले- गरबा में कौन आए या कौन नहीं? ये आयोजक तय करें

गरबा पंडाल में प्रवेश की दिशा निर्देशों पर भाजपा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि गरबा आयोजन करते समय, गरबा आयोजन समिति कुछ नियम और शर्तें तय करती है. ऐसा करना उनका अधिकार है. उस अधिकार पर क्या नियम और शर्तें रखी गई हैं? पुलिस ने क्या अनुमति दी है? क्योंकि पुलिस हर सांस्कृतिक कार्यक्रम की अनुमति देती है और आयोजक किसे बुलाना चाहते हैं और किसे नहीं, वो तय करते हैं

इसलिए, यह गरबा उत्सव जो भी हो, आयोजन समिति द्वारा पुलिस द्वारा दी गई अनुमति और शर्तों के आधार पर ही गरबा उत्सव आयोजित किया जाता है. भाजपा के मंत्री ने आगे कहा कि मुझे लगता है कि यह निर्णय आयोजकों को ही लेना होगा.

नागपुर से प्रवीण मुधोलकर का इनपुट

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