उद्धव ठाकरे के खिलाफ टिप्‍पणी मामला : नारायण राणे की याचिका पर HC का तत्‍काल सुनवाई से इनकार, गिरफ्तारी का खतरा

एक समय महाराष्‍ट्र (Maharashtra) और केंद्र में सत्‍ता में 'सहयोगी' रहीं भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच कड़वाहट बढ़ती जा रही है.

नई दिल्‍ली :

Maharashtra: एक समय महाराष्‍ट्र (Maharashtra)और केंद्र में सत्‍ता में 'सहयोगी' रहीं भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच कड़वाहट बढ़ती जा रही है. केंद्रीय मंत्री नारायण राणे (Narayan Rane) की ओर से महाराष्‍ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे (Chief Minister Uddhav Thackeray) के खिलाफ टिप्‍पणी को लेकर दोनों पार्टियों के कार्यकर्ता मंगलवार को मुंबई में एक-दूसरे से भिड़ गए. गौरतलब है कि शिवसेना कार्यकर्ताओं ने इस मामले में केंद्रीय मंत्री राणे के खिलाफ केस दर्ज कराया है.गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने दावा किया था कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने संबोधन में ठाकरे यह भूल गए कि देश की आजादी को कितने साल हुए हैं. बाद में इसी संदर्भ में उन्‍होंने उद्धव ठाकरे के खिलाफ विवादित बयान दिया था.

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इस बीच, मामले में गिरफ्तारी से संरक्षण संबंधी नारायण राणे की ओर से दाखिल की गई याचिका पर बॉम्‍बे हाईकोर्ट ने तत्‍काल सुनवाई से इनकार कर दिया है. इसके बाद राणे की गिरफ्तारी की आशंका और बढ़ गई है.  राणे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ अपनी टिप्पणी को लेकर दर्ज FIR को चुनौती देते हुए मंगलवार को बॉम्‍बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर गिरफ्तारी से संरक्षण का अनुरोध किया था लेकिन उन्‍होंने कोर्ट ने याचिका पर तत्‍काल सुनवाई से इनकार कर दिया है.  अधिवक्ता अनिकेत निकम के माध्यम से दाखिल राणे की याचिका में प्राथमिकी रद्द करने के लिए निर्देश देने का आग्रह किया गया है. बीजेपी  नेता राणे ने याचिका में गिरफ्तारी या किसी दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा प्रदान करने के लिए अंतरिम आदेश का भी अनुरोध किया. न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति एनजे जमादार की पीठ के समक्ष दाखिल याचिका में मंगलवार को ही तत्काल सुनवाई की मांग की गई थी. हालांकि, पीठ ने इस पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया और कहा कि (याचिका का) उल्लेख करने की अनुमति नहीं है. पीठ ने कहा कि वकील को प्रक्रिया का पालन करना होगा

".अगर मैं होता, तो उन्हें ज़ोरदार थप्पड़ मारता" : नारायण राणे के बयान पर बवाल

राणे ने रायगढ़ जिले में सोमवार को 'जन आशीर्वाद यात्रा' के दौरान कहा, ‘‘यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री को यह नहीं पता कि आजादी को कितने साल हुए हैं. भाषण के दौरान वह पीछे मुड़ कर इस बारे में पूछताछ करते नजर आए थे. अगर मैं वहां होता तो उन्हें एक जोरदार थप्पड़ मारता.'' खास बात यह है कि राणे खुद एक समय शिवसेना में रह चुके हैं. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके राणे पहले शिवसेना में थे, बाद में वे कांग्रेस में आ गये और फिर, 2019 में वह बीजेपी में शामिल हो गए थे. इसके बाद महाराष्‍ट्र की सियासत गर्मा गई थी.

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राणे के इस बयान की शिवसेना ने कड़ी निंदा की थी. पार्टी कार्यकर्ताओं ने मुंबई और कई अन्य स्थानों पर पोस्टर लगाए थी जिसमें राणे को 'कोम्बडी चोर' (चिकन चोर) बताया गया है. करीब पांच दशक पहले चेंबूर में राणे 'पॉल्ट्री' की दुकान चलाते थे.मामले में नासिक पुलिस, नासिक साइबर और पुणे पुलिस में नारायण राणे के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.इससे पहले मुम्बई में हुए दो दिन की तिरंगा यात्रा में उनके खिलाफ कुल 36 FIR दर्ज की गई हैं.  पहले दिन 19 FIR और दूसरे दिन 17 FIR दर्ज की गई थीं.