
- उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनका और राज ठाकरे का साथ आना जरूरी है, क्योंकि दोनों मराठी भाषा और लोगों के लिए लड़ रहे हैं.
- उद्धव ठाकरे ने मराठी भाषा, महाराष्ट्र धर्म और मराठी मानुष के लिए कुछ भी करने की प्रतिबद्धता जताई है.
- उन्होंने कहा कि गठबंधन के मुद्दे पर कांग्रेस ने यह राय व्यक्त की है कि वह स्थानीय स्तर पर निर्णय लेगी.
शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने जोर देकर कहा है कि उनका और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे का एक साथ आना जरूरी है, क्योंकि दोनों मराठी भाषा और लोगों के लिए लड़ रहे हैं. साथ ही उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह मराठी भाषा, महाराष्ट्र ‘धर्म' और ‘मराठी मानुष' (मराठी लोगों) के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं. उन्होंने कहा कि अगर किसी को उनके और राज के साथ आने से दिक्कत है, तो यह उनकी अपनी समस्या है.
सामना के कार्यकारी संपादक और राज्यसभा सदस्य संजय राउत के साथ अपने साक्षात्कार के दूसरे और अंतिम भाग में (जो रविवार को शिवसेना (उबाठा) के मुखपत्र में प्रकाशित हुआ) राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि गठबंधन के मुद्दे पर कांग्रेस ने यह राय व्यक्त की है कि वह स्थानीय स्तर पर निर्णय लेगी. उन्होंने कहा, ‘‘अगर ऐसा है, तो ऐसा ही होगा.''
स्थानीय निकाय चुनावों पर भी बोले
विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) में कांग्रेस, शिवसेना (उबाठा) और शरद पवार की राकांपा शामिल है. बृहन्मुंबई नगर निगम सहित विभिन्न स्थानीय और नगर निकायों के चुनाव इस वर्ष के अंत में होने की संभावना है.
स्थानीय निकाय चुनावों में एमवीए और गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘यह उनका (कांग्रेस का) मामला है. कांग्रेस के साथ चर्चा हुई थी और उनकी राय थी कि वे स्थानीय स्तर पर फैसला लेंगे. ठीक है. अगर ऐसा है, तो ऐसा ही होगा.''
इसके साथ ही उद्धव ठाकरे ने कहा कि हर पार्टी की नगर निकाय स्तर पर अपनी इकाई होती है.
उन्होंने कहा, ‘‘हम वही करेंगे, जिसे (एमवीए के) घटक दल अपने लिए राजनीतिक रूप से उचित समझेंगे.''
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