क्या कोई महज 13 हजार रुपये की सैलरी पर काम करते हुए 21 करोड़ रुपये का बैंक बैलेंस बना सकता है? अगर ये सवाल मैं आपसे पूछूं तो आपका जवाब होगा कतई नहीं, पर ये सच है. महाराष्ट्र के औरंगाबाद से ठगी का एक ऐसा ही हैरान करने वाला मामला सामने आया है. छत्रपति संभाजीनगर के विभागीय क्रीड़ा उपसंचालक कार्यालय में काम करने वाले एक कंप्यूटर ऑपरेटर ने नकली दस्तावजों के जरिए सरकारी खजाने से 21 करोड़ 59 लाख रुपये उड़ा लिया है. मामले सामने आने के बाद पुलिस ने आरोपी की पहचान हर्षल कुमार अनिल क्षीरसागर के रूप में की है. बताया जाता है कि उसने 21 करोड़ 59 लाख रुपये की रकम से पहले बीएमडब्ल्यू कार, अपनी गर्लफ्रेंड के लिए फ्लैट और कई लग्जरी गिफ्ट्स खरीदे थे.
पुलिस की जांच में पता चला है कि आरोपी न 1 जुलाई से 7 दिसंबर 2024 के बीच 21 करोड़ 59 लाख रुपये का घोटाला किया है. जांच में पता चला है कि आरोपी ने सरकारी खाते से नेट बैंकिंग की सुविधा अपने मोबाइल और ईमेल पर शुरू कर नकली लेनदेन किए. इन पैसों से उसने अपनी प्रेमिका को खुश करने के लिए चार बेडरूम का लग्जरी फ्लैट खरीदा. बताया जा रहा है कि उसने एक और फ्लैट अपने दोस्त को गिफ्ट किया था.
पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार
जवाहरनगर पुलिस ने विभागीय क्रीड़ा उपसंचालक कार्यालय की ओर से मामला दर्ज कर इसकी जांच की थी. संभाजीनगर आर्थिक शाखा इस मामले की जांच कर रही है. डीसीपी संभाजीनगर ने बताया कि पुलिस आरोपी की संपत्तियों की जांच कर रही है और हर्षल की तलाश जारी है.
DCP ने दिया बड़ा बयान
फिलहाल पुलिस की EOW दफ्तर में जुड़े हुए सभी लोगों से पूछताछ कर रही है और आगे कुछ अन्य लोगों से भी पूछताछ की जा सकती है.यह पूरा मामला तब सामने आया जब स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट के अधिकारी दीपक कुलकर्णी ने जवाहर नगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई. इस मामले को लेकर डीसीपी प्रशांत कदम ने कहा कि हमने तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है. दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.एक अभी भी फरार है.जांच के दौरान पता चला है कि उसने बीएमडब्लू कार और बाइक खरीदी थी.एक लक्जरी अपार्टमेंट और कुछ सोने का सामान भी आर्डर किया था.इन सभी पर अभी जांच चल रही है और मुख्य आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए हमारी टीम अलग-अलग इलाकों में जांच कर रही है.
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