नारायण राणे (फाइल फोटो)
                                                                                                                        
                                        
                                        
                                                                                मुंबई: 
                                        शिवसेना ने मंगलवार को सवाल किया कि पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे महाराष्ट्र से भाजपा के राज्यसभा उम्मीदवार कैसे हो सकते हैं जब उन्होंने इस पार्टी की सदस्यता ग्रहण नहीं की है. राणे 2005 में शिवसेना से अलग हुए थे और कांग्रेस में शामिल हो गए थे. पिछले साल सितंबर में कांग्रेस से भी अलग हो गए और महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष का गठन कर लिया और राजग का समर्थन करने लगे. शिवसेना नेता अनिल परब ने कहा, ‘‘नारायण राणे ने किस पार्टी की तरफ से नामांकन दाखिल किया है? अगर भाजपा ने उनको सदस्य बनाया है तो उन्होंने भाजपा की सदस्यता कब स्वीकार की है?’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह कैसे हो सकता है कि किसी एक पार्टी का अध्यक्ष किसी दूसरी पार्टी का सदस्य बन जाए? नियमों के मुताबिक अगर कोई पार्टी किसी दूसरी पार्टी के अध्यक्ष को टिकट देना चाहती है तो उस व्यक्ति को टिकट देने वाली पार्टी की प्राथमिक सदस्यता लेनी होती है. अगर ऐसा नहीं है तो वह ‘बी’ फॉर्म नहीं भर सकता.’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
                                                                        
                                    
                                उन्होंने कहा, ‘‘यह कैसे हो सकता है कि किसी एक पार्टी का अध्यक्ष किसी दूसरी पार्टी का सदस्य बन जाए? नियमों के मुताबिक अगर कोई पार्टी किसी दूसरी पार्टी के अध्यक्ष को टिकट देना चाहती है तो उस व्यक्ति को टिकट देने वाली पार्टी की प्राथमिक सदस्यता लेनी होती है. अगर ऐसा नहीं है तो वह ‘बी’ फॉर्म नहीं भर सकता.’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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