विज्ञापन
This Article is From Oct 07, 2016

उप्र : चाचा शिवपाल यादव के सामने नहीं चली अखिलेश की, कौमी एकता दल का सपा में विलय

उप्र : चाचा शिवपाल यादव के सामने नहीं चली अखिलेश की, कौमी एकता दल का सपा में विलय
शिवपाल यादव और अखिलेश यादव (फाइल फोटो)
  • शिवपाल ने कहा कि मुलायम सिंह यादव के आदेश पर विलय
  • बर्खास्त मंत्री राजकिशोर के विषय पर विचार-विमर्श चल रहा है
  • 25 जून को अखिलेश यादव के विरोध के चलाते रद्द हुआ था विलय
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के विरोध के बावजूद कौमी एकता दल (कौएद) का आखिकार समाजवादी पार्टी (सपा) में विलय हो ही गया. इससे पहले अखिलेश के हठ के आगे विलय को रद्द कर दिया गया था. सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने कहा कि मुलायम सिंह ने विलय का फैसला किया. इसके लिए अखिलेश से भी सलाह ली गई. साथ ही
उन्होंने कहा कि नेताजी (मुलायम सिंह यादव) ने कह दिया तो समझो विलय हो गया.

हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि विलय का फैसला सभी के समर्थन के साथ हुआ. पहले से इस विलय के संकेत थे. संभावना थी कि मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी के साथ मुलायम सिंह खुद इसका ऐलान कर सकते हैं, लेकिन गुरुवार को जब शिवपाल यादव ने नई कार्यकारिणी का ऐलान किया तो उसी दौरान पूछे गए सवाल के जवाब के जवाब में
उन्होंने ने कहा कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के आदेश पर कौमी एकता दल का सपा में विलय हो चुका है.

उन्होंने कहा, "नेता जी ने पार्टी की मीटिंग में विलय की घोषणा कर दी है. बर्खास्त मंत्री राजकिशोर के विषय पर विचार-विमर्श चल रहा है." गुरुवार को शिवपाल यादव ने जिस नई कार्यकारिणी का ऐलान किया, उसमें सभी शिवपाल के करीबी ही हैं. इससे साफ है कि पार्टी में एक लकीर खिंच चुकी है.

गौरतलब है कि पिछले 21 जून को मुख्तार अंसारी की पार्टी कौएद का सपा में विलय हो गया था. लेकिन अखिलेश यादव के भारी विरोध करने के बाद 25 जून को लखनऊ में पार्टी के संसदीय बोर्ड की बैठक हुई, जिसमें विलय को रद्द करने का ऐलान कर दिया गया. इसके बाद शिवपाल यादव नाराज हो गए थे, जिन्हें मनाने के लिए मुलायम सिंह उन्हें पार्टी प्रदेश अध्यक्ष बना दिया था.

इसके बाद अखिलेश ने एक बड़ा दांव चलते हुए शिवपाल से सभी बड़े मंत्री पद छीन लिए, इसके साथ ही शिवपाल के करीबी कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया था. इसके बाद चाचा-भतीजे के झगड़े से पैदा हुए सियासी ड्रामे को पूरे देश ने देखा था. दोनों के बीच रूठने मनाने का लंबा दौर चला. आखिर में मुलायम सिंह दोनों लोगों को एक साथ लाए और अखिलेश को संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया और अखिलेश ने भी शिवपाल को उनके सारे मंत्रालय वापस कर दिए.

सपा में कौएद के विलय पर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा, "इसका किसी भी तरह से फायदा नहीं होगा. अखिलेश कहते हैं कि वो तुरुप का इक्का हैं, लेकिन पार्टी में उनका कोई समर्थन नहीं करता."

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
यूपी विधानसभा चुनाव 2017, समाजवादी पार्टी और कौमी एकता दल, शिवपाल यादव, सपा टिकट वितरण, कौमी एकता दल, मुलायम सिंह, अखिलेश यादव, मुख्तार अंसारी, UP Polls 2017, UP Assembly Poll, QED, Quami Ekta Dal (QED), Mulayam Singh Yadav, Shivpal Yadav, Akhilesh Yadav, Mukhtar Ansari
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com