प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) आज से मिशन यूपी पर हैं. कांग्रेस महासचिव और पूर्वी यूपी की प्रभारी बनाए जाने के बाद प्रियंका आज पहली बार लखनऊ जा रही हैं, जहां वो पहले रोड शो करेंगी और फिर पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से मुलाक़ात करेंगी. प्रियंका (Priyanka Gandhi) के साथ राहुल गांधी और पश्चिमी यूपी के प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया भी होंगे. प्रियंका (Priyanka Gandhi) के इस दौरे से पहले उनका और ज्योतिरादित्य सिंधिया का एक ऑडियो क्लिप कांग्रेस की तरफ से जारी किया गया है, जिसमें प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश के वोटरों को संबोधित करते हुए कह रही हैं कि वो नई राजनीति का निर्माण करेंगे. प्रियंका और ज्योतिरादित्य के ऑडियो क्लिप को यूपी के 60 लाख लोगों को सुनाया गया है. सक्रिय राजनीति में उतरने के बाद प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह तो है और 'प्रियंका नहीं ये आंधी है, दूसरी इंदिरा गांधी है' व 'प्रियंका गांधी आई है, नयी रोशनी लाई है' जैसे नारे भी दिये जा रहे हैं, लेकिन चुनौतियां भी कम नहीं है.
क्या यूपी में कांग्रेस की नैया पार लगा पाएंगी प्रियंका गांधी? पिछले चुनाव में मिली थी महज इतनी सीटें
1. चुनाव सिर पर, कार्यकर्ता 'स्लीप मोड' में :
2009 के लोकसभा चुनाव में जिस कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में 21 सीटें मिली थी, वही कांग्रेस 2014 में महज दो सीटों पर सिमट के रह गई. अब लोकसभा चुनाव (General Election 2019) में महज चंद दिन बचे हैं, लेकिन यूपी में कांग्रेस संगठन और कार्यकर्ता अभी भी जमीन से नदारद हैं. प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के आने के बाद थोड़ी हलचल जरूर हुई है, लेकिन अभी भी सबसे बड़ी चुनौती कैडर और कार्यकर्ताओं को चुनावी मोड में लाने और उन्हें जगाने की है. प्रियंका गांधी की नए कार्यकर्ताओं में तो पैठ है ही, कांग्रेस के पुराने कार्यकर्ता भी उन्हें लेकर उत्साहित नजर आ रहे हैं. ऐसे में अगर प्रियंका गांधी इसे भुनाने में कामयाब रहीं तो कांग्रेस के लिए चुनावी तस्वीर बदल सकती है.
2. रनरअप वाल सीट 'विनिंग' में बदले तो बात बने :
पिछले लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भले ही कांग्रेस के हिस्से 2 सीटें आई हों, लेकिन करीब दो दर्जन सीटें ऐसी थीं, जिन पर कांग्रेस को ठीक-ठाक वोट मिले थे. पश्चिमी यूपी की सहारनपुर व गाजियाबाद जैसी सीट पर कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन उसके प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहे थे. यही स्थिति लखनऊ, कानपुर, बाराबंकी और कुशीनगर की भी थी. यहां भी कांग्रेस ने मोदी लहर के बावजूद बीजेपी को कांटे की टक्कर दी थी. इस बार प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के सामने पूर्वी यूपी की ऐसी ही सीटों को 'विनिंग सीट' में तब्दील करने की चुनौती है.
3. 'बुआ-भतीजे' की जोड़ी बन गई है नई चुनौती :
पहले चर्चा थी कि उत्तर प्रदेश में सपा, बसपा और कांग्रेस साथ चुनाव लड़ेंगी, लेकिन 'बुआ-भतीजे' की जोड़ी ने ऐन मौके पर कांग्रेस को झटका दे दिया. दोनों दलों ने गठबंधन के बाद 38-38 सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया है. हालांकि दोनों दल कांग्रेस के गढ़ अमेठी और रायबरेली में अपना प्रत्याशी नहीं उतारेंगे. यूपी में सपा-बसपा का गठबंधन बीजेपी के लिए चुनौती तो है ही, कांग्रेस को भी मुश्किलें होने वाली हैं. खासकर फूलपुर, गोरखपुर और कैराना के उप चुनावों में दोनों पार्टियों ने इस गठबंधन की ताकत देखी है. ऐसे में प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) को इस स्थिति से भी निपटना है.
4. 'सोशल इंजीनियरिंग' की कठिन डगर :
उत्तर प्रदेश चुनावों में 'सोशल इंजीनियरिंग' की प्रयोगशाला बन जाता है. कभी 'एम-वाई' फैक्टर पर चुनाव लड़े जाते हैं तो कभी 'बीबीसी' फैक्टर पर. इस बार सपा-बसपा के साथ आने से दूसरे दलों के लिए 'सोशल इंजीनियरिंग' की इस पहले को हल करना पहले के मुकाबले और कठिन हो गया है. इस नई परिस्थिति में कांग्रेस के सामने दो तरफ से चुनौतियां हैं. पहली, कांग्रेस के पारंपरिक वोटर पिछले कुछ वर्षों में लगातार पार्टी से छिटकते गए. 2014 के चुनावों में भाजपा को इसका लाभ मिला. दूसरी, कांग्रेस को उम्मीद थी कि अगर वह सपा-बसपा के साथ गठबंधन के तहत चुनाव में उतरती तो उसे सवर्ण वोटरों के साथ दूसरे तबकों का भी साथ मिलता, लेकिन अब स्थिति बदल गई है.
आखिर क्यों कांग्रेस की अपनी पहली मीटिंग में भाई राहुल से दूर बैठी नजर आईं प्रियंका गांधी?
5. परिवार के मोर्चे पर चुनौती :
लोकसभा चुनाव में प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) को परिवार के मोर्चे पर भी चुनौती मिलने वाली है. विपक्षी दल, खासकर भाजपा लगातार मनी लॉन्डरिंग केस में जांच का सामने कर रहे उनके पति रॉबर्ट वाड्रा का मामला उठाती रही है और इस बहाने घेरने का प्रयास करती रही है. दूसरी तरफ, सोशल मीडिया पर भी प्रियंका गांधी के खिलाफ कैंपेन चलाया जाता रहा है. ऐसे में प्रियंका गांधी को इन चुनौतियों से भी निपटना होगा.
VIDEO: यूपी के अभियान पर प्रियंका गांधी
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