लोकसभा चुनाव 2019 के अखाड़े में कर्नाटक के बेंगलुरु से बीजेपी ने सबसे युवा चेहरे के तौर पर तेजस्वी सूर्या को उतारा है. सबसे हाई प्रोफाइल सीट मानी जाने वाली दक्षिण बेंगलुरु से जब से बीजेपी ने 28 साल के युवा तेजस्वी सूर्या का नाम तय किया है, तब से वह चर्चा के केंद्र में बने हुए हैं. मंगलवार को अपने एक ट्वी की वजह से सुर्खियों में आए और वाहवाही बटोरने वाले तेजस्वी सूर्या को अपनी ही पांच साल पूरानी एक ट्वीट की वजह से फजीहत का सामना भी करना पड़ रहा है. हालांकि, अब तेजस्वी सूर्या ने अपने उस पुराने ट्वीट को अपनी टाइमलाइन से हटा दिया है.
डिलीट किए गए उस ट्वीट में 28 साल के वकील और बीजेपी के यूथ विंग के नेता तेजस्वी सूर्या महिलाओं के लिए संसद में एक तिहाई सीटें आरक्षित करने के लिए प्रस्तावित कानून से निराश दिख रहे हैं. बता दें कि पुरुष सांसदों द्वारा पार्टी की लाइन से इतर बाधा पहुंचाए जाने से महिलाओं के लिए कोटा बिल सालों से रुका हुआ है.
तेजस्वी सूर्या ने अपने ट्वीट में कहा था कि वह बिल से भयभीत हैं. संसद में महिला आरक्षण के मुद्दे को छोड़ दें तो मोदी सरकार का एजेंडा प्रेरणादायक है. मैं उस दिन की कल्पाना मात्र से ही डरता हूं जिस दिन महिला आरक्षण बिल अस्तित्व में आ जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी की नेतृत्व वाली सरकार बनने के कुछ दिन बाद ही उन्होंने जून 2014 में ट्वीट किया था.
जैसे ही बीजेपी ने उन्हें अपना उम्मीदवार बताया, लोगों ने उनके इस पुराने ट्वीट को खंगालना शुरू कर दिया. यह ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. क्योंकि मीडिया संगठनों ने तेजस्वी सूर्या के डेटा को खंगालना शुरू कर दिया. कुछ लोग यह भी सवाल कर रहे हैं कि क्या वह अभी भी वैसा ही महसूस करते हैं?. हालांकि, बाद में तेजस्वी सूर्या ने इस ट्वीट को हटा दिया.
टिकट के लिए नाम पक्का होने के बाद तेजस्वी ने ट्विटर पर लिखा, 'ओह माई गॉड, मुझे विश्वास नहीं हो रहा है. दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री और दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के अध्यक्ष ने 28 साल के युवा पर विश्वास किया है. यह सिर्फ बीजेपी में हो सकता है'.
आपको बता दें कि दक्षिण बेंगलुरू लोकसभा की प्रतिष्ठित सीट मानी जाती है. इस सीट से केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार सांसद थे जिनका निधन हो गया है. खबरों के मुताबिक पहले इस सीट पर बीजेपी अनंत कुमार की पत्नी को उतारना चाहती थी. कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष येदियुरप्पा की भी यही सलाह थी. वहीं पीएम मोदी के भी इस सीट से चुनाव लड़ने की खबरें आईं लेकिन बाद में ऐसी खबरों को खारिज कर दिया गया. बाद में तेजस्वी सूर्य का नाम तय हो गया. तेजस्वी बीजेपी नेता के परिवार से आते हैं और वह आरएसएस से भी जुड़े हैं.
अनंत कुमार इस संसदीय क्षेत्र से पांच बार सांसद रहे हैं. चुनाव में तेजस्वी सूर्य का मुकाबला कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बीके हरिप्रसाद होगा जो करीब 2 दशक बाद इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.
तेजस्वी सूर्य एक अच्छे वक्ता के रूप में जाने जाते हैं. हालांकि उनके भाषणों पर ध्रुवीकरण का भी आरोप लगता है. तेजस्वी सूर्य ने 'एराइज इंडिया' नाम के एक संगठन की स्थापना की है और माना जाता है कि वह बीजेपी आईटी सेल से भी जुड़े हैं. वह अभी कर्नाटक हाईकोर्ट में वकालत भी करते हैं.
VIDEO: कर्नाटक: अनंत कुमार की पत्नी को टिकट नहीं
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