समाजवादी पार्टी से हालही रिश्ता तोड़ने वाली निषाद पार्टी (Nishad Party) उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ आ गई है. पहले खबरें थी कि निषाद पार्टी का भाजपा में विलय होगा, लेकिन भाजपा नेता जेपी नड्डा ने कहा कि राष्ट्रीय निषाद पार्टी एनडीए गठबंधन में हमारी सहयोगी बनी है. इसके साथ ही निषाद पार्टी के संस्थापक संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद (Praveen Nishad) ने भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता हासिल की है. सूत्रों के मुताबिक प्रवीण निषाद को भारतीय जनता पार्टी गोरखपुर सीट से लोकसभा चुनाव में उतार सकती है.
भाजपा के यूपी प्रभारी जेपी नड्डा ने संकेत दिए हैं कि प्रवीण निषाद बीजेपी के गोरखपुर से उम्मीदवार हो सकते हैं. जेपी नड्डा ने कहा कि चुनाव लड़ना संसदीय प्रक्रिया का अहम हिस्सा है तो प्रवीण चुनाव लड़ेंगे. जेपी नड्डा ने कहा कि निषाद पार्टी से गठबंधन होने से पूर्वांचल में बीजेपी और मजबूत होगी. उधर निषाद पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष संजय निषाद मे कहा कि उप्र में रामराज के साथ निषाद राज होगा. मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाने के लिए वो गठबंधन में रहते हुए पूरा प्रयास करेंगे.
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Delhi: Nishad Party leader and Gorakhpur (UP) MP Praveen Nishad joins Bharatiya Janata Party. Nishad Party to support BJP in Uttar Pradesh in upcoming Lok Sabha elections. pic.twitter.com/Aqk5X2ZeAu
— ANI (@ANI) April 4, 2019
बता दें, प्रवीण निषाद ही जिन्होंने यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ की गोरखपुर सीट पर कब्जा जमाया था. योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद गोरखपुर सीट खाली हो गई थी. जिसके बाद इस सीट पर उपचुनाव हुए थे. उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने अपनी पार्टी चिन्ह्न पर प्रवीण निषाद को उतारा था. प्रवीण निषाद ने यहां से जीत हासिल की थी.
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भाजपा के लिए राहत
इस गठबंधन से लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बड़ी राहत मिली है. लोकसभा उपचुनाव में गोरखपुर जैसी अजय सीट पर बीजपी के उपेंद्र शुक्ला को 26000 वोटों से हराकर एक बड़ा उलटफेर किया था. गोरखपुर संसदीय सीट के लिए निषाद पार्टी इसलिए भी अहम है क्योंकि गोरखपुर में निषाद करीब 3.5 लाख है जो किसी भी पार्टी की हार जीत का फैसला करने में अहम है. उप्र में करीब 14 फीसदी निषाद, मल्लाह, केवट जातियां है दिन पर निषाद पार्टी का खासा प्रभाव है. साल 2016 में संजय निषाद ने राष्ट्रीय NISHAD यानि निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल की स्थापना की थी.
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