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This Article is From Feb 20, 2019

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बताया तनाव के बावजूद बीजेपी के साथ गठबंधन पर क्यों राजी हुए

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंगलवार शाम कहा कि वह बीजेपी के साथ हाथ मिलाने को इसलिए राजी हुए हैं क्योंकि भगवा पार्टी का अपने गठबंधन सहयोगियों के प्रति व्यवहार में बदलाव आया है.

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बताया तनाव के बावजूद बीजेपी के साथ गठबंधन पर क्यों राजी हुए
शिवसेना और भाजपा ने घोषणा की कि लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ेंगे.
नई दिल्ली:

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंगलवार शाम कहा कि वह बीजेपी के साथ हाथ मिलाने को इसलिए राजी हुए हैं क्योंकि भगवा पार्टी का अपने गठबंधन सहयोगियों के प्रति व्यवहार में बदलाव आया है. ठाकरे अपने आवास पर शिवसेना कार्यकर्ताओं से बातचीत कर रहे थे.शिवसेना और भाजपा ने सोमवार को घोषणा की कि वे लोग लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ेंगे. ठाकरे ने कहा, ‘‘मैंने महसूस किया कि लोगों के प्रति उनके व्यवहार में बदलाव आया है, इसलिए मैंने भाजपा से हाथ मिलाने का फैसला लिया. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भाजपा का यह प्रस्ताव उन्हें मंजूर नहीं है कि जिस पार्टी के ज्यादा विधायक होंगे उसका मुख्यमंत्री होगा. उन्होंने कहा, मैं शिवसेना का मुख्यमंत्री देखना चाहता हूं. और मैं इसके लिए काम करूंगा. ठाकरे ने कहा कि समझौते में मैं जीत चुका हूं और अब असल लड़ाई, चुनाव जीतना है. 

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बता दें कि सीएम देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को दोनों दलों का गठबंधन आगामी लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में बरकरार रहने की घोषणा की. महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में शिवसेना 23 और बीजेपी 25 सीटों पर लड़ेगी. फडणवीस ने कहा कि 'अब हमारे बीच कोई गलतफहमी नहीं है.' सीएम देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव को लेकर गठबंधन की स्थित भी साफ कर दी. उन्होंने कहा कि 'प्रदेश में हमारे जो मित्र हैं उनकी सीटें छोड़कर बीजेपी और शिवसेना आधी-आधी सीटों पर चुनाव लड़ेगी.' बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दोनों दलों के बीच बनी सहमति का खुलासा किया. फडणवीस ने कहा कि 'शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी का 25 साल से गठबंधन है. कुछ मुद्दों पर मतभेद हुआ होगा, पर सैद्धांतिक रूप से दोनों हिंदुत्ववादी हैं, इसलिए हम इतने सालों तक साथ रहे. विधानसभा चुनाव हम साथ नहीं लड़े लेकिन उसके बाद केंद्र और राज्य में हम साथ में सरकार चला रहे हैं.'

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वहीं बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि सभी कार्यकर्ता चाहते थे कि दोनों पार्टी साथ में लड़ें और केंद्र और राज्य में फिर से सरकार बनाएं. शिवसेना और अकाली दल ने हमेशा बीजेपी का साथ दिया है. ये सिर्फ राजनीतिक युति नहीं सिद्धांतों के आधार पर है. शिवसेना-बीजेपी कम से कम 45 सीटों पर जीतेगी. उन्होंने कहा कि मैं अपनी बात फिर से दोहराता हूं. अब शिवसेना के साथ आने के बाद इसमें कोई कमी नहीं होगी. भ्रष्टाचार से लड़ने में दोनों पार्टियों ने बड़ा काम किया है. मनमुटाव को समाप्त करने में बड़े हृदय के साथ सेना प्रमुख ने काम किया है. हमारी पार्टी के लोगो ने भी संयम रखा.

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