जैसे-जैसे समय गुजर रहा है, वैसे-वैसे ही 17वीं लोकसभा (Loksabha Election 2019) के लिए चुनावी माहौल और गरम होता जा रहा है. सत्ता और विपक्षी दोनों ही पार्टियों ने चुनावी प्रचार के लिए पहले से ही काम करना शुरू कर दिया है, तो वहीं पर्दे के पीछे अलग-अलग सीटों के उम्मीदवारों के चयन पर भी काम जोर-शोर से जारी है. और देर-सबेर इस बाबत पार्टियां चरणबद्ध तरीके से अपने अंतिम चयनित उम्मीदवारों की सूची भी जारी करना शुरू देंगी. इन उम्मीदवारों में कई क्रिकेटर या खिलाड़ी भी शामिल हो सकते हैं. बहरहाल, हम आपको उन भारतीय क्रिकेटरों के बारे में बताएंगे, जिन्होंने खेल को अलविदा कहने के बाद राजनीति का दामन थामा. और इनमें से कुछ बड़े क्रिकेटरों पर इस बार भी नजरें लगी हैं कि वे इस बार टिकट हासिल कर पाते हैं या नहीं. चलिए आप उन पांच क्रिकेटरों के बारे में जान लीजिए, जिन्होंने खेल से अलग होने के बाद राजनीति को अपना करियर बनाया. यह भी जान लीजिए कि फिलहाल ये क्रिकेटर किस स्थिति में हैं और कुछ महीने के भीतर इन्हें लेकर राजनीतिक गलियारे और आम जनता के बीच क्या चर्चा चल रही है.
One day @KirtiAzadMP will definitely get success
— Laxmi (@thagunna699) January 3, 2019
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कीर्ति आजाद का पत्ता साफ !
साल 1992 में भारतीय विश्व कप विजेता टीम के सदस्य कीर्ति आजाद को क्रिकेट में ज्यादा कामयाबी नहीं मिली, लेकिन राजनीति की पिच पर उन्होंने अच्छी बैटिंग की. कीर्ति आजाद के पिता भगवत झा आजाद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री रहे हैं. और पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए कीर्ति राजनीति में आए. उन्होंने साल 2014 में दरभंगा सीट पर चुनाव जीता और वर्तमान में बतौर बीजेपी सदस्य लोकसभा का अपना तीसरा कार्यकाल पूरा कर रहे हैं, लेकिन क्रिकेट में अरुण जेतली पर लगातार आरोपों की झड़ी लगाने के बाद कीर्ति को पार्टी ने साइड लाइन किया हुआ है. और उनका टिकट कटना पक्का नजर आ रहा है. कीर्ति क्या रुख अपनाएंगे, देखने वाली बात होगी.
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2. अजहर की इच्छा पूरी करेगी कांग्रेस ?
मैच फिक्सिंग के कारण आजीविन प्रतिबंधित कर दिए गए पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने साल 2009 में कांग्रेस की पिच पर अपनी राजनीतिक पारी का आगाज किया. और इसी साल पर मुरादाबाद सीट से चुनाव जीतकर संसद भी पहुंच गए. लेकिन अगले आम चुनाव में उन्होंने हार का मुंह देखना पड़ा. इस बार अजहरुद्दीन ने सिकंदराबाद से चुनाव लड़ने की ख्वाहिश जताई है. अजहर की इच्छा पूरी होगी या नहीं, इस पर भी उनके चाहने वालों की नजरें टिकी हुई हैं
A glance of Soch Se Soch ki Ladaai Event, Pune. The students of MIT college discussed the issues they face nowadays and demanded the solution.#SochSeSochKiLadaai #RiseofYoungIndia #SachkeSaathYuva #SochAapkiKalAapka pic.twitter.com/3GVZDn390r
— Soch Se Soch Ki Ladaai (@Ssskl_India) February 5, 2019
3. सिद्धू होंगे कांग्रेस के स्टार प्रचारक!
क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद नवजोत सिद्धू सक्रिय रूप से राजनीति करने वाले एक और लोकप्रिय क्रिकेटर हैं. इस सलामी बल्लेबाज ने साल 2004 में अमृतसर सीट से चुनाव जीता. कोर्ट मामले में फंसने के बाद उन्होंने सीट छोड़ी, तो उपचुनाव में फिर बाजी मारी. साल 2009 में भी सिद्धू जीते, लेकिन 2014 में अमृतसर से टिकट न मिलने के चलते सिद्धू खफा हो गए. और विरोध में उन्होंने कहीं से भी चुनाव न लड़ने का फैसला किया. साल 2016 में सिद्धू राज्यसभा के लिए चुने गए, लेकिन दो महीने बाद ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया. बहरहाल, सिद्धू जनवरी 2017 में कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए. अब यह देखना होगा कि लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस सिद्धू को क्या भूमिका सौंपती है
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4. कैफ का क्या होगा ?
साल 2002 में इंग्लैंड में नेटवेस्ट ट्रॉफी में यादगार पारी से नायक बने मोहम्मद कैफ भी साल 2014 में राजनेता बन गए. 125 वनडे और 13 टेस्ट खेलने वाले कैफ ने इलाहाबाद की फूलपुर संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ा, लेकिन 86618 वोटों से उन्हें करारी शिकस्त खानी पड़ी. उसके बाद से कैफ राजनीति से गधे के सिर से सींग की तरह गायब हो गए. उत्तर प्रदेश में पार्टी की गतिविधियों में भी उन्होंने बमुश्किल ही हिस्सा लिया. क्या वह फिर से राजनीति की ओर रुख करते हैं या पार्टी उनका रुख करती है, यह देखने वाली बात होगी.
Wishing you all the happiness in the world @BhuviOfficial . May you continue to excel on the cricket field and continue to carry yourself with grace of it. Happy birthday pic.twitter.com/cfK420M7Wj
— Mohammad Kaif (@MohammadKaif) February 5, 2019
5. राजनीति की पिच पर बोल्ड ज्यादा हुए चौहान
चेतन चौहान एक और दिग्गज अनुभवी क्रिकेटर-राजनेता हैं, जिन्हें एक अनुभवी नेता कहा जा सकता है. चेतन चौहान पहली बार साल 1991 और 1998 में अमरोहा सीट से चुनाव लड़कर संसद पहुंचे.लेकिन उनके हिस्से हार ज्यादा आई. चौहान को 1996, 1999, 2004 के अलावा पिछले लोकसभा चुनाव में भी हार नसीब हुई. साल 2014 इलेक्शन में वह चौथे नंबर पर रहे थे. चौहान फिलहाल यूपी सरकार में खेल मंत्री हैं.
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ऊपर बताए गए ये ऐसे क्रिकेटर रहे, जिन्होंने राजनीति की पिच पर अच्छी बैटिंग की. किसे कामयाबी मिली, तो कोई चूक गए. लेकिन इनके चाहने वालों के बीच यह चर्चा है कि कुछ महीने बाद होने वाले आम चुनाव में इनकी क्या भूमिका होगी, या इनमें से कुछ को फिर से टिकट मिलेगी.
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