सिक्किम में एक विधानसभा क्षेत्र ऐसा है जो राज्य के मानचित्र पर मौजूद नहीं है. इसकी सही स्थिति को परिभाषित करने के लिए कोई भौगोलिक सीमा नहीं है. 2,800 से अधिक मतदाताओं वाली यह सीट पूरे सिक्किम में फैली हुई है. संघ समुदाय से ताल्लुक रखने वाले मठवासी राज्य में बेशक कहीं भीं रहें, लेकिन वह इस सीट पर वोट डाल सकते हैं. चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया कि यह विधानसभा क्षेत्र संघ समुदाय के भिक्षुओं के लिए आरक्षित है. ये वो भिक्षु हैं, जिनके नाम सिक्किम के 111 मान्यता प्राप्त मठों के रिकॉर्ड में दर्ज हैं.
राज्य चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी ने कहा है, 'संघ की विशिष्ट पहचान को संरक्षित करने के लिए ये ही भिक्षु इस सीट से चुनाव लड़ सकते हैं या वोट सकते हैं.' उत्तर पूर्व के इस राज्य में विधानसभा के साथ-साथ लोकसभा चुनाव गुरुवार को एक ही चरण में होंगे.
सिक्किम के प्रमुख चुनाव अधिकारी ने बताया, 'सिक्किम में बौद्ध पादरी प्रार्थना के नियमित अनुष्ठानिक जप से साल में एक बार विराम लेते हैं और अपना प्रतिनिधि चुनने जाते हैं.' चुनाव आयोग की वेबसाइट पर दावा किया गया है कि सिक्किम में करीब 2,881 संघ मतदाता हैं, जिनमें 111 मान्यता प्राप्त मठों के भिक्षु और भिक्षुणियां शामिल हैं. ऐसे मतदाताओं के लिए हर बूथ पर अलग से ईवीएम मुहैया करवाई जाती है.
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