लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के लिए दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में गठबंधन (AAP- Congress Alliance) को लेकर शीला दीक्षित अभी भी अपने रुख पर कायम हैं. उन्होंने पार्टी आलाकमान को साफ-साफ कह दिया है कि कांग्रेस और आप का गठबंधन नहीं होना चाहिए. इससे कांग्रेस को नुकसान होगा. शीला दीक्षित ने इस मुद्दे पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ एक बैठक भी की. इस बैठक में निर्णय लिया गया कि वे पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलकर स्थिति साफ करने को कहेंगे. दूसरी तरफ, दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी गठबंधन के लिए मध्यस्थता की कोशिश भी शुरू हो गई है. एनसीपी प्रमुख शरद पवार सुबह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मिले हैं. इसके बाद उन्होंने आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह से भी मुलाकात की है.
दिल्ली और हरियाणा में यह सर्वे करवा सकता है AAP-कांग्रेस में गठबंधन, नेताओं का बदल डाला रुख
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह पार्टी आलाकमान को लिखे गए पत्र में दीक्षित (Sheila Dikshit) और कार्यकारी अध्यक्ष हारून यूसुफ, दवेंद्र यादव और राजेश लिलोठिया ने गठबंधन पर कार्यकर्ताओं का मूड जानने के लिए फोन सर्वेक्षण पर विरोध जताया है. दिल्ली कांग्रेस के एक नेता ने बताया, ‘दीक्षित और कार्यकारी अध्यक्षों ने कांग्रेस प्रमुख से गुजारिश की है कि वह ‘आप' से गठबंधन नहीं करें क्योंकि यह आग चलकर पार्टी को नुकसान पहुंचाएगा.' साथ ही नेता ने कहा कि उन्होंने पार्टी की शक्ति ऐप के जरिए किए गए फोन सर्वेक्षण पर भी ऐतराज जताया है. यह सर्वेक्षण दिल्ली कांग्रेस के एआईसीसी प्रभारी पीसी चाको ने कराया है. सर्वेक्षण में दिल्ली कांग्रेस के करीब 52,000 कार्यकर्ताओं की राय मांगी गई थी कि क्या पार्टी को आप से गठबंधन करना चाहिए या नहीं.
कांग्रेस क्या दिल्ली में 'आप' से चुनावी गठबंधन करे? ले रही कार्यकर्ताओं की राय
बता दें, हाल ही एक रिपोर्ट आई थी कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की अनिश्चितताओं के बीच कांग्रेस पार्टी का एक अंदरूनी सर्वे कांग्रेस नेताओं को रुख बदलने में अहम भूमिका निभा सकता है. एनडीटीवी को सूत्रों ने बताया कि इस सर्वे में भाजपा को 35 फीसदी वोटों के साथ आम आदमी पार्टी और कांग्रेस से आगे दिखाया गया है. इस सर्वे को पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी और दिल्ली प्रमुख शीला दीक्षित देख चुके हैं.
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दिल्ली कांग्रेस प्रदेश कमेटी से जुड़े एक नेता ने एनडीटीवी को बताया, 'पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के राज्य ईकाई की बात मानने और आप के साथ गठबंधन न करने का फैसला लेने के बाद वरिष्ठ केंद्रीय नेताओं ने राहुल गांधी से मुलाकात की और उन्हें इस फैसले पर दोबारा से विचार करने के लिए कहा. वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी द्वारा कराए गए सर्वे राहुल गांधी को दिखाया, जिसमें आम आदमी पार्टी को 28 फीसदी, कांग्रेस को 22 फीसदी और भाजपा को 35 फीसदी वोट मिल रहे थे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन किया जाता है तो दिल्ली की सातों सीटें गठबंधन के खाते में आ जाएंगी.'
वहीं दूसरी ओर आम आदमी पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिये दिल्ली में कांग्रेस के साथ गठबंधन की संभावनाओं को खारिज करते हुये कहा है कि कांग्रेस ने बहुत देर कर दी, अब गठबंधन की कोई गुंजाइश नहीं है. आप की दिल्ली इकाई के संयोजक गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली की सभी सात सीटों के लिये पार्टी के उम्मीदवार घोषित होने के बाद कांग्रेस के साथ गठबंधन की अब कोई संभावना नहीं है. पार्टी अपने उम्मीदवारों को वापस नहीं लेगी, इसलिये गठबंधन की कोई गुंजाइश नहीं है. राय ने कहा था, ‘अब हम इस निष्कर्ष पर पहुंच गये हैं कि कांग्रेस दिल्ली को लेकर गंभीर नहीं है. क्योंकि जिस राज्य में कांग्रेस गंभीर है वहां उनके प्रयास जारी हैं. इसीलिये रविवार को हमने अपना सातवां उम्मीदवार घोषित कर दिया.'
(इनपुट-भाषा)
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