
बीजेपी से पटना साहिब सीट से टिकट न मिलने के बाद बागी शत्रुघ्न सिन्हा अब कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं. बीजेपी में रहकर भी वह बीजेपी और पीएम मोदी-अमित शाह पर हमलावर रहते थे. मगर कांग्रेस में शामिल होने के बाद वह और मुखर हो चुके हैं. ट्विटर पर सक्रिय शत्रुघ्न सिन्हा ने एक बार फिर पीएम मोदी पर निशाना साधा है. उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा को लेकर पीएम मोदी पर हमला बोला है. कहा है कि उनके तजुर्बे का लाभ उठाने की जगह अलग-थलग कर दिया गया. सिन्हा ने पीएम मोदी को यह भी याद दिलाया है कि कैसे राजधर्म की आंधी के बीच उनकी जाती हुई कुर्सी को आडवाणी ने बचाया था. दरअसल कहा जाता है कि नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में 2002 में गोधरा दंगे के कारण तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाना चाहते थे, मगर लालकृष्ण आडवाणी ने उन्हें रोक दिया था.
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शत्रुघ्न सिन्हा ने ट्वीट कर कहा-आज़ादी के 75 साल, 75 क़दम, 75 लक्ष्य, 75 साल के लोगों को ब्रेन डेड नहीं समझते हुए उनके अनुभव/तजुर्बे को शामिल किया होता तो बेहतर नहीं हुआ होता? एक मौक़ा फिर गंवा दिया. यह सही वक़्त होता अगर डॉक्टर मुरली मनोहर जोशी, विद्वान अरुण शौरी और भूतपूर्व वित मंत्री एवं विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा जैसे दिग्गज, जिनका आपकी पार्टी को देश की बड़ी पार्टी बनाने में महत्वपूर्ण योगदान रहा, उनके अनुभव का फायदा लेते....और सरजी को ‘राजधर्म‘ के आंधी के बीच बचाने में सबसे महत्वपूर्ण योगदान रहा हमारे फ़्रेंड फ़िलॉसफ़र गाइड श्री एल के आडवाणी का। क्यूं सबको अलग थलग कर दिया? शत्रुघ्न सिन्हा ने फिर दूसरे ट्वीट में कहा- बहरहाल, तुम्हारी है, तुम्हीं सम्भालो यह ढकोसला पत्र, असंकल्प पत्र या संकल्प पत्र.फिर मिलेंगे दोस्त. जय हिंद.
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