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This Article is From May 24, 2019

Results 2019: क्या PM मोदी के दूसरे कार्यकाल में वित्त मंत्री के पद पर नहीं रहेंगे अरुण जेटली? आई यह बड़ी खबर

Results 2019: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के दूसरे कार्यकाल में खराब स्वास्थ्य की वजह से वित्त मंत्री के पद पर अरुण जेटली (Arun Jaitley) का बने रहना मुश्किल है.

Results 2019: क्या PM मोदी के दूसरे कार्यकाल में वित्त मंत्री के पद पर नहीं रहेंगे अरुण जेटली? आई यह बड़ी खबर
Results 2019: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने आवास पर वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों से साथ बैठक की.
नई दिल्ली:

Results 2019: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के दूसरे कार्यकाल में खराब स्वास्थ्य की वजह से वित्त मंत्री के पद पर अरुण जेटली (Arun Jaitley) का बने रहना मुश्किल है. सूत्रों के मुताबिक जेटली को अपनी एक बीमारी, जिसका खुलासा नहीं किया गया है, के इलाज के लिए अमेरिका या ब्रिटेन जाना पड़ सकता है. बता दें, पिछले कुछ महीने से अरुण जेटली (Arun Jaitley News) की तबीयत काफी खराब चल रही है. ऐसे में चर्चा चल रही हैं कि पीयूष गोयल (Piyush Goel) को उनकी जगह वित्त मंत्री बनाया जा सकता है. बता दें, वित्त मंत्री अरुण जेटली अभी दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती थे, उन्हें गुरुवार को ही छुट्टी दी गई है. उन्हें एक दिन के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था. सूत्रों के अनुसार जेटली पिछले तीन सप्ताह से कार्यालय नहीं जा रहे थे और उन्हें जांच और उपचार के लिए एम्स में भर्ती कराया गया था. फिलहाल बीमारी की जानकारी नहीं दी गई है. बीमारी के चलते ही जेटली ने इस बार के लोकसभा चुनाव में हिस्सा नहीं लिया था. पिछले साल मई में उन्होंने गुर्दा प्रत्यारोपण किया गया था. पेशे से वकील जेटली को मोदी मंत्रिमंडल में सबसे महत्वपूर्ण मंत्रियों में शुमार किया जाता है. सूत्रों ने बताया, '66 वर्षीय अरुण जेटली निश्चित तौर पर वित्त मंत्री नहीं बनने जा रहे हैं, क्योंकि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है. हालांकि हो सकता है कि वह थोड़ा कम तनाव वाला कोई मंत्रालय संभालें.' 

बता दें कि नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व में BJP ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की. मोदी देश के पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री बने, जिन्होंने पूर्ण बहुमत के साथ दोबारा सत्ता में वापसी की है. बीजेपी ने न सिर्फ अपने बूते बहुमत हासिल किया, बल्कि सहयोगियों के साथ 350 का आंकड़ा भी छू लिया. बीजेपी (BJP) और सहयोगियों ने इस बार 2014 से भी बड़ी जीत हासिल की है. बीजेपी ने 303 सीटें जीती वहीं, NDA को 352 सीटें मिली हैं. उधर, कांग्रेस 52 सीटों पर जीतने में सफल रही है.

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अरुण जेटली से मैसेज भेजकर जब इस बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने इसका कोई जवाब नहीं दिया. उनके ओएसडी पारस संखला ने भी टेलीफोन कॉल, मेल या मैसेज का कोई जवाब नहीं दिया. इसके बाद उनके निजी सचिव एस. डी. राणाकोटी तथा सहायक सचिव पद्म सिंह जामवाल ने इस बारे में ईमेल में पूछे गए सवाल का तत्काल कोई जवाब नहीं दिया. 

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बीजेपी और सरकार में नरेंद्र मोदी तथा अमित शाह के बाद तीसरे सबसे दिग्गज नेताओं में से एक जेटली बीजेपी मुख्यालय में हुए समारोह में शिरकत करने नहीं जा पाए. पिछले दो सप्ताह से वह सार्वजनिक तौर पर कहीं दिखाई भी नहीं पड़े हैं, हालांकि वह ब्लॉग लिख रहे हैं और सोशल मीडिया पर मैसेज भी डालते रहे हैं. सोशल मीडिया पर जेटली ने अपने नवीनतम संदेश में पीएम मोदी और भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं और उसके सहयोगियों को जीत की बधाई दी है.

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वित्त मंत्री का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने उन्हें आगे उपचार के लिए ब्रिटेन या अमेरिका जाने की सलाह दी है.     वह पिछले तीन सप्ताह से दफ्तर नहीं गए हैं और सार्वजनिक तौर पर भी उन्हें बहुत कम देखा गया है. हालांकि सूत्रों के मुताबिक उन्होंने अपने आवास पर उनके मंत्रालयों के सभी पांच सचिवों के साथ नियमित बैठक की. पेशे से वकील रहे जेटली मोदी सरकार के अति महत्वपूर्ण मंत्री रहे हैं और कई बार सरकार के मुख्य संकट मोचक की भूमिका निभा चुके हैं. वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने संसद में अनेक आर्थिक विधेयक पारित कराये जिनमें वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) प्रमुख है. उन्होंने मुस्लिम महिलाओं को 'तीन तलाक' देने के चलन पर रोक लगाने वाले विधेयक समेत कई अन्य कानून पारित कराने में सरकार की ओर से अहम भूमिका निभाई.

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मोदी सरकार के प्रमुख रणनीतिकार माने जाने वाले जेटली ने इस बार खराब सेहत की वजह से लोकसभा चुनाव भी नहीं लड़ा. 2014 में वह अपना पहला लोकसभा चुनाव अमृतसर से हार गए थे. कई साल तक भाजपा के प्रवक्ता रहे जेटली ने 47 साल की उम्र में संसद में प्रवेश किया था. तब वह गुजरात से राज्यसभा में मनोनीत किये गये थे. वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में भी मंत्री रहे. गत 22 जनवरी को जेटली ने अमेरिका में एक सर्जरी कराई थी. बताया गया कि यह उनके बांये पैर में सॉफ्ट टिश्यू कैंसर के लिए की गई थी. इस कारण से उन्होंने मोदी सरकार का छठा और इस कार्यकाल का अंतिम बजट पेश नहीं किया. 

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