लोकसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी ने नीतीश कुमार को लेकर एक ऐसा दावा किया है, जिसने बिहार के सियासी पारे को बढ़ा दिया है. राबड़ी देवी ने दावा किया है कि गठबंधन तोड़ने के बाद नीतीश कुमार वापस आना चाहते थे. महागठबंधन से नाता तोड़ बिहार में बीजेपी के साथ सरकार बनाने वाले नीतीश कुमार पर राबड़ी देवी ने कहा कि वे चाहते थे तेजस्वी को 2020 के लिए मुख्यमंत्री के तौर पर देखना और खुद प्रधानमंत्री उम्मीदवार के तौर पर. वे चाहते थे कि इसकी घोषणा हम करें.
राबड़ी देवी ने कहा कि 'नीतीश कुमार वापस आना चाहते थे. उन्होंने कहा था कि मैं तेजस्वी को 2020 में मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहता हूं और आप मुझे प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के तौर पर ऐलान कर दें. यहां तक कि महागठबंधन से जदयू के अलग होने के बाद प्रशांत किशोर पांच बार हमसे मिलने आए.'
Rabri Devi: Nitish Kumar wanted to come back, he had said that I want to see Tejashwi as CM in 2020 and you declare me as PM candidate. Even, Prashant Kishor came to meet us five times after our alliance had ended. pic.twitter.com/88sghakpcq
— ANI (@ANI) April 13, 2019
बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (Rabri Devi) ने शुक्रवार को दावा किया कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने उनके पति लालू प्रसाद यादव से मुलाकात करके यह प्रस्ताव रखा था कि राजद और नीतीश कुमार के जद(यू) का विलय हो जाए और इस प्रकार बनने वाले नए दल को चुनावों से पहले अपना 'प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार' घोषित करना चाहिये. उन्होंने कहा कि अगर किशोर, पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद से इस प्रस्ताव को लेकर मुलाकात करने से इंकार करते हैं तो वह सफेद झूठ बोल रहे है. राजद की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राबड़ी देवी ने कहा कि मैं इससे बहुत नाराज हो गई और उनसे निकल जाने को कहा क्योंकि नीतीश के धोखा देने के बाद मुझे उन पर भरोसा नहीं रहा. राबड़ी देवी के पास विधानसभा में विपक्ष के नेता का भी पद है.
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साल 2017 में नीतीश कुमार राजद और कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी के अगुवाई वाले एनडीए में शामिल हो गए थे. राबड़ी देवी ने कहा कि हमारे सभी कर्मचारी और सुरक्षाकर्मी इस बात के गवाह हैं कि उन्होंने हमसे कम से कम पांच बार मुलाकात की. इनमें से अधिकांश तो यहीं (दस सर्कुलर रोड) पर हुईं और एक दो पांच नम्बर (पांच देशरत्न मार्ग-छोटे पुत्र तेजस्वी यादव के आवास) पर हुईं.
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कुमार के इस दावे पर कि राजद सुप्रीमो जेल से ही किशोर से बात करते रहे हैं, पर नाराजगी जाहिर करते हुये उन्होंने कहा कि यहां तक कि हम (परिवार के सदस्य) लोगों को भी उनसे (लालू प्रसाद) फोन पर बात करने का मौका नहीं मिलता है और अनंत सिंह के दावे का क्या जो कहते हैं कि उनके जेल में रहने के दौरान ललन सिंह (मंत्री) नीतीश से टेलीफोन पर बातचीत करवाते थे. माफिया डान से राजनीतिज्ञ बने मोकामा विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले अनंत सिंह पहले कुमार के निकट थे पर 2015 के चुनाव से पहले उनके रिश्ते खराब हो गए. अनंत सिंह ने यह दावा एक स्थानीय न्यूज पोर्टल को दिये साक्षात्कार में किया था.
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बीते साल सितम्बर में जद(यू) के पूर्ण सदस्य बने किशोर ने ट्विटर पर यह स्वीकार किया कि उन्होंने दल की सदस्यता लेने से पूर्व प्रसाद से कई बार मुलाकात की थी. किशोर ने कहा कि अगर वह यह बताएं कि किस बात पर चर्चा हुई थी तो उन्हें (प्रसाद) शर्मिंदगी उठानी पड़ सकती है.
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