विज्ञापन
This Article is From Mar 22, 2019

बिहार महागठबंधन ने कन्हैया कुमार को नहीं दिया 'भाव', क्या तेजस्वी यादव की है भूमिका? जानें पूरा मामला 

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2019) को लेकर बिहार महागठबंधन (Bihar Mahagathbandhan) में सीटों बंटवारा हो गया. हालांकि जेएनयू (JNU) छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar News) का नाम इसमें नहीं है.

बिहार महागठबंधन ने कन्हैया कुमार को नहीं दिया 'भाव', क्या तेजस्वी यादव की है भूमिका? जानें पूरा मामला 
कन्हैया कुमार को महागठबंधन ने नहीं दिया भाव.
पटना:

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2019) को लेकर बिहार महागठबंधन (Bihar Mahagathbandhan) में सीटों बंटवारा हो गया. हालांकि जेएनयू (JNU) छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar News) का नाम इसमें नहीं है. ऐसी उम्मीद जताई जा रही थी कि कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) महागठबंधन की तरफ से बेगूसराय (Begusarai) से चुनाव लड़ेंगे. सीपीआई (CPI) ने बेगूसराय से कन्‍हैया कुमार को अपना उम्‍मीदवार बनाया हुआ है. लेकिन महागठबंधन ने कोई भी सीट सीपीआई (CPI) को नहीं दी है.

यह भी पढ़ें: Lok Sabha Election 2019: बेगूसराय सीट पर मंझधार में फंसी कन्हैया की 'नैया', बीजेपी ने बिछाई ये बिसात

राजद के एक नेता ने बताया कि कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) का नाम कभी भी हमारी पार्टी की तरफ से चर्चा में नहीं था. हालांकि राजद प्रवक्ता मनोज झा ने यह बताया कि महागठबंधन में राजद की टिकट पर सीपीआई माले का एक उम्मीदार चुनाव लड़ेगा. हालांकि राजद नेता का यह भी कहना है कि तेजस्वी यादव कन्हैया कुमार को 'पसंद नहीं करते', क्योंकि जब कभी भी उन्होंने छात्र नेता को फोन किया, तो उसने उसका जवाब नहीं दिया. 

यह भी पढ़ें: बिहार : महागठबंधन में सीटों का समझौता, लालू अपने सहयोगियों के प्रति इतने उदार क्यों?

बता दें कि 2016 में JNU देशद्रोह विवाद के बाद जब कन्हैया कुमार बिहार गए थे, तब लालू यादव ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया था. लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री वर्तमान में भ्रष्टाचार के आरोप में जेल की सजा काट रहे हैं और तेजस्वी यादव प्रभारी हैं. सूत्रों का कहना है कि पार्टी के भीतर एक आशंका है कि कुशल संचालक कन्हैया लालू यादव के बेटे तेजस्वी की जमीन हथियाकर राजनीति में आगे न बढ़ जाएं. 

यह भी पढ़ें: गिरिराज सिंह से बीजेपी के ही एमएलसी ने कहा- नौटंकी बंद करें, बेगूसराय आकर चुनाव की तैयारी करें

एक और महत्वपूर्ण कारण यह है कि वामपंथियों के गढ़ के कारण बेगूसराय को बिहार का लेनिनग्राद कहा जाता है. इसके अलावा यह सीट मुस्लिम उम्मीदवार के लिए भी सुरक्षित मानी जाती है. राजद ने तनवीर हसन को मैदान में उतारने की योजना बनाई है, जो 2014 के चुनाव में 60,000 वोटों के अंतर से हार गए थे. 2009 में, जनता दल यूनाइटेड के उम्मीदवार मोनाज़िर हसन ने यह सीट जीती. राजद के सूत्रों के मुताबिक बीजेपी उम्मीदवार गिरिराज सिंह के खिलाफ कन्हैया कुमार की जीत नजर नहीं आ रही थी.  

यह भी पढ़ें: कन्हैया कुमार ने होली पर किया ऐसा ट्वीट, बॉलीवुड एक्टर बोले- जय हिंद

बता दें कि बिहार में महागठबंधन में सीटों के बंटवारे में राजद (RJD) 20 सीटों पर चुनाव लड़ेगी वहीं, कांग्रेस (Congress) को 9 सीटें दी गई है. इसके अलावा उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) की पार्टी RLSP को 5, जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi) की पार्टी 'हम' पार्टी को 3 और सन ऑफ मल्लाह मुकेश सहनी (Mukesh Sahni) की वीआईपी (VIP) को 3 सीटें दी गई हैं.

VIDEO: बिहार में RJD 20 सीटों पर लड़ेगी चुनाव

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com