चांदनी चौक संसदीय सीट के बूथ नंबर 32 पर पीठासीन अधिकारी की गड़बड़ी की वजह से चुनाव आयोग को दोबारा मतदान कराना पड़ा. दरअसल इस बूथ के पीठासीन अधिकारी ने ईवीएम परीक्षण के लिए डाले गए वोट को डिलीट नहीं किया और अपनी गलती छिपाने के लिए वोटिंग डेटा में हेरफेर करने की कोशिश की. अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि चुनाव आयोग ने पीठासीन अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने और 19 मई को हुए चुनाव को फिर से कराने का आदेश दिया था.
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अधिकारियों ने बताया कि ऐसा पाया गया कि पीठासीन अधिकारी ने 12 मई को परीक्षण के लिए डाले गए मतों को नहीं हटाने (डिलीट) की गलती को छिपाने के लिए प्रारूप 17ए में भरे विवरणों में हेरफेर की कोशिश की.
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एक अधिकारी ने कहा कि परीक्षण के लिए डाले गए मतों को डिलीट नहीं करने के लिए उन्हें सजा नहीं होती लेकिन उन्होंने डेटा में हेरफेर करने की कोशिश की जो गंभीर अपराध है. उन्होंने कहा, 'उन्होंने प्रारूप में गलत जानकारी भरी. उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और उनके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाएगी.' (इनपुट-भाषा)
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