बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी के बृहस्पतिवार को दिये उस बयान से विवाद उत्पन्न हो गया जिसमें उन्होंने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को ‘साहेब' कहकर संबोधित किया. हाालांकि, बाद में जीतन राम मांझी ने इसे ‘जुबान का फिसलना' बताया. बिहार में महागठबंधन के महत्वपूर्ण नेता जीतन राम मांझी ने यह बयान एक प्रश्न में उत्तर दिया था. यह प्रश्न संयुक्त् राष्ट्र के मसूद को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने से संबंधित था. ॉ
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दरअसल, एक वीडियो में मांझी यह कहते हुये दिख रहे हैं कि ‘क्या वाजपेयी सरकार मसूद अजहर साहेब को विमान से कंधार नहीं ले गई थी.' इससे पहले अप्रैल के प्रथम सप्ताह में राजद के बैसी (पूर्णिया) से विधायक अब्दुस सुब्हान ने किशनगंज में आयोजित एक रैली में मसूद अजहर को साहब बोला था. हम के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने, हालांकि, उनका बचाव करते हुये कहा कि मांझी कह चुके हैं कि यह महज जुबान का फिसलना था.
इसके अलावा, शुक्रवार को वैश्विक आतंकवादी मसूद अजहर को 'साहब' कहने वाले हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को भाषाई आतंकवादी बताया. मांझी ने यहां पत्रकारों से कहा कि गिरिराज सिंह और साध्वी प्रज्ञा की भाषा एक आतंकवादी की भाषा है, औ ये भाषाई आतंकवादी हैं, जो समाज में नफरत का जहर घोल रहे हैं.
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उन्होंने कहा, "इनकी भाषा का आतंक इतना बढ़ गया है कि जब ये कुछ बोलने के लिए मुंह खोलते हैं तो सभ्य समाज में रहने वाले हर संप्रदाय के शांतिप्रिय लोग आतंकित हो जाते हैं. उन्हें लगने लगता है कि फिर से एक बार गिरिराज सिंह समाज को बांटने वाली भाषा ही बोलेंगे." मांझी ने कहा, "सही मायने में अगर भाजपा नेतृत्व को लगता है कि उन्हें देश और राष्ट्रीय एकता की चिंता है, तो उन्हें अविलंब साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और गिरिराज सिंह जैसे भाषाई आतंकवादियों पर कार्रवाई करनी चाहिए." (इनपुट भाषा से)
VIDEO: एनडीए से बाहर हुए जीतन राम मांझी.
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