विज्ञापन
This Article is From Mar 24, 2019

बीजेपी में कैसे कटे आडवाणी सहित कई बुज़ुर्ग नेताओं के टिकट? जानिए अंदरखाने की कहानी

भारतीय जनता पार्टी(BJP) ने इस बार पार्टी के लौहपुरुष कहे जाने वाले लालकृष्ण आडवाणी सहित कई बुजुर्ग नेताओं को चुनाव मैदान में नहीं उतारा है. 75 वर्ष पार कर चुके ऐसे नेताओं का टिकट काटने के लिए बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने कैसे की पहल, जानिए अंदरखाने की बात.

बीजेपी में कैसे कटे आडवाणी सहित कई बुज़ुर्ग नेताओं के टिकट? जानिए अंदरखाने की कहानी
बीजेपी ने इस बार लालकृष्ण आडवाणी सहित कई बुजुर्ग नेताओं के टिकट काटे हैं.
नई दिल्ली:

भारतीय जनता पार्टी(BJP) ने इस बार पार्टी के लौहपुरुष कहे जाने वाले लालकृष्ण आडवाणी सहित कई बुजुर्ग नेताओं को चुनाव मैदान में नहीं उतारा है. 75 वर्ष पार कर चुके नेताओं का टिकट काटने के लिए बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने खुद पहल की. हालांकि इससे पहले हुई पार्टी की बैठक के बाद मीडिया में यह खबर आई थी कि बुजुर्ग नेताओं को पार्टी भले लड़ाएगी, मगर उन्हें सरकार में किसी तरह की जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी. मगर पार्टी ने अब बुजुर्ग नेताओं को मैदान में उतारने की जगह उन्हें आराम देने का फैसला किया. बीजेपी सूत्रों का कहना है कि पार्टी के ऐसे बुजुर्ग नेताओं को चुनाव न लड़ने के लिए राजी करने की जिम्मेदारी संगठन महासचिव रामलाल को सौंपी गई. कहा गया कि वह पार्टी के संबंधित वरिष्ठ नेताओं से संपर्क कर अनुरोध करें कि वह चुनाव लड़ने की जगह आराम करें. कहीं सूची में नाम न होने पर जनता और पार्टी समर्थकों के बीच वरिष्ठों  का अनादर करने का गलत संदेश न चला जाए, इसके लिए इन बुजुर्ग नेताओं से पहले से ही बयान जारी करवाया जाए कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगे.

यह भी पढ़ें- शत्रुघ्न सिन्हा ने आडवाणी के बहाने किया PM मोदी-शाह पर हमला, बोले- बोले याद रखिए न्यूटन का तीसरा नियम

सूत्र बता रहे हैं कि पार्टी महासचिव राम लाल ने बुजुर्ग नेताओं से संपर्क साधना शुरू किया. रामलाल ने मुरली मनोहर जोशी सहित शांता कुमार और कलराज मिश्र जैसे नेताओं से मुलाकात की. इसमें कलराज मिश्र और शांता कुमार सार्वजनिक रूप से यह घोषणा करने के लिए तैयार हो गए कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे. मगर लालकृष्ण आडवाणी ने इन्कार कर दिया.

यह भी पढ़ें- आडवाणी के टिकट काटे जाने पर शिवसेना ने कहा, भारतीय राजनीति के ‘भीष्माचार्य' को 'जबरन रिटायरमेंट' दिया गया

जिस दिन उम्मीदवारों की सूची आने वाली थी, उस दिन पहले ही कलराज मिश्र ने ट्वीट कर कह दिया था कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे. फिलहाल कलराज मिश्र हरियाणा के प्रभारी हैं. आडवाणी के करीबी बताते हैं कि वह टिकट कटने से नहीं, बल्कि टिकट कटने के तौर-तरीकों से आहत हैं. उनसे किसी बड़े नेता ने संपर्क कर यह नहीं कहा कि वे गांधीनगर से चुनाव न लड़ें. करीबियों के मुताबिक उन्हें दुख इस बात का नहीं कि आडवाणी संसद में नहीं होंगे, बल्कि उनका टिकट जिस ढंग से काटा गया, उससे दुखी हैं. अन्य बुजुर्ग नेताओं की बात करें तो सांसद हुकुम देव नारायण के चुनाव न लड़ने पर उनके बेटे को टिकट दिया गया है. जबकि उत्तराखंड के बीजेपी नेता खंडूरी की बेटी पहले से ही राजनीति में है.  अन्य बुजुर्गों में कोश्यारी, करिया मुंडा के भी टिकट पार्टी ने काटे हैं. मध्य प्रदेश की पहली सूची में लोकसभा अध्यक्ष और इंदौर सांसद सुमित्रा महाजन का भी नाम नहीं है.

वीडियो- आडवाणी का टिकट कटने पर कांग्रेस का तंज 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com