बीजेपी ने आज लोकसभा चुनाव 2019 के लिए घोषणात्र जारी कर दिया है. पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं के बीच यह घोषणापत्र पीएम मोदी, अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, अरुण जेटली सहित कई नेता मौजूद थे. लेकिन एक सवाल सबसे अहम था कि पार्टी के संस्थापक लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी इस दौरान मंच पर नहीं थे. हालांकि पहले खबर आई थी कि घोषणापत्र जारी होने से पहले अमित शाह लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी से मिलेंगे लेकिन बाद में तय हुआ कि दोनों बुजुर्ग नेताओं से शाम को मुलाकात होगी. बीजेपी के इतिहास में यह शायद पहला मौका होगा जब लोकसभा चुनाव के लिए जारी होने वाले घोषणापत्र में लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी मौजूद नहीं थे. यहां यह भी ध्यान देने वाली बात है कि साल 2014 का घोषणापत्र बनाने में डॉ. मुरली मनोहर जोशी की ही अगुवाई में बना था. गौरतलब है कि बीते साल 16 अगस्त को पार्टी के एक संस्थापक सदस्य और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन हो गया था.
अटल-आडवाणी ने ही मिलकर पार्टी की स्थापना की थी. कभी दो सीटें जीतने वाली बीजेपी को यहां तक पहुंचाने में लालकृष्ण आडवाणी की संगठन क्षमता और रणनीति का बड़ा बयान योगदान रहा है तो दूसरी अटल बिहारी वाजपेयी अपने भाषणों की वजह से सबसे लोकप्रिय नेता बन गए थे. इसके बाद तीसरी धरोहर के रूप में मुरली मनोहर जोशी का नाम आता था और वह भी पार्टी के अध्यक्ष रह चुके हैं. कभी इन तीन नेताओं की वजह से बीजेपी जानी जाती थी और बीजेपी के कार्यकर्ता नारा भी लगाते थे, 'भारत मां के तीन धरोहर, अटल-आडवाणी और मुरली मनोहर'.
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फिलहाल अब बीजेपी पूरी तरह से मोदीमय हो चुकी है. तस्वीरों और मंचों से पुराने नेताओं को गायब कर दिया है और इस लोकसभा चुनाव में एलके आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी का टिकट भी काट दिया गया है.
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