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This Article is From Mar 24, 2019

अखिलेश यादव के आजमगढ़ से चुनाव लड़ने पर BJP नेता हुए खुश, कहा-मेरे घर को बनाएं चुनाव कार्यालय

सपा मुखिया अखिलेश यादव के आजमगढ़ से चुनाव लड़ने पर यूपी के पूर्व दर्जा राज्य मंत्री और बीजेपी नेता ने खुशी जताई है. उन्होंने अपने घर को कार्यालय के तौर पर इस्तेमाल करने का भी ऑफर रखा है.

अखिलेश यादव के आजमगढ़ से चुनाव लड़ने पर BJP नेता हुए खुश, कहा-मेरे घर को बनाएं चुनाव कार्यालय
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव आजमगढ़ से लड़ेंगे लोकसभा चुनाव.
नई दिल्ली:

आखिर यह तय हो गया कि समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव आजमगढ़ से ही चुनाव लड़ेंगे. पार्टी ने रविवार को इसकी घोषणा कर दी. सपा ने जिन दो लोगों का टिकट घोषित किया, उसमें आजमगढ़ से पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को जहां उतारा है, वहीं रामपुर से पूर्व मंत्री आजम खान को टिकट दिया है. अखिलेश यादव के आजमगढ़ से चुनाव लड़ने की घोषणा से यूपी के एक बीजेपी नेता ने खुशी जताई है. कभी यूपी में कल्याण सिंह सरकार में दर्जा राज्य मंत्री रहे आइपी सिंह ने अखिलेश यादव के सामने अपने घर को चुनाव कार्यालय बनाने का ऑफर रखा है.  टीवी चैनलों पर अक्सर बीजेपी का पक्ष रखते हुए नजर आने वाले सिंह मूलतः आजमगढ़ के ही रहने वाले हैं. 

समाजवादी पार्टी की ओर से अखिलेश यादव के आजमगढ़ से लड़ने की घोषणा के तुरंत बाद बीजेपी नेता आईपी सिंह ने ट्वीट कर कहा,"माननीय अखिलेश यादव जी का आजमगढ़ पूर्वांचल से लोकसभा का चुनाव लड़ने की घोषणा होने के बाद पूर्वांचल की जनता में खुशी की लहर, युवाओं में जोश,आपके आने से पूर्वांचल का विकास होगा. जाति और धर्म की राजनीति का अंत होगा,मुझे खुशी होगी यदि मेरा आवास भी आपका चुनाव कार्यालय बने". 

पिछले काफी समय से आइपी सिंह बीजेपी के कुछ शीर्ष नेताओं से नाराज चल रहे हैं. बीजेपी के सभी नेता, जहां ट्विटर पर 'चौकीदार' लगाए हैं, वहीं आईपी सिंह 'उसूलदार' लिखे हुए हैं. प्रदेश संगठन मंत्री सुनील बंसल को लेकर भी वह कई बार  ट्वीट के जरिए अपनी भड़ास निकाल चुके हैं. छात्र जीवन में एबीवीपी की राजनीति करते हुए सिंह लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रसंघ महामंत्री बने और फिर बीजेपी की राजनीति में आए. 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान वह तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी के साथ चुनाव प्रचार में लगे हुए थे. कई साल पहले बीजेपी में दागी नेता बाबू सिंह कुशवाहा को शामिल किए जाने पर प्रदेश कार्यकारिणी में रहते हुए आईपी सिंह ने आवाज उठाई थी, जिसके बाद उन्हें कुछ समय के लिए पार्टी ने निलंबित कर दिया था. बाद में उन्हें पार्टी ने वापस ले लिया था.

जब योगी ने किया नजरअंदाज, अखिलेश ने मिलाया हाथ
 पूर्वांचल के आजमगढ़ निवासी होने के कारण आइपी सिंह खुलकर योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते रहे हैं. वह उन्हें योगी भी नहीं, बल्कि पूज्यनीय कहकर संबोधित करते रहे हैं. गोरखपुर का योगी सांसद रहे तो आईपी सिंह करीबियों में माने जाते रहे.सांसद रहते योगी आदित्यनाथ आईपी सिंह के घर कार्यक्रम में भी शामिल हो चुके हैं. मगर कहा जा रहा है कि आईपी सिंह के बागी तेवर देख सीएम योगी ने भी दूरी बनानी शुरू कर दी. बीते दिनों वायरल हुई दो तस्वीरों ने लोगों को चौंका दिया. जब आईपी सिंह योगी आदित्यनाथ का पैर छूने के लिए नीचे बढ़े थे, मगर योगी ने रुकने की बात छोड़िए, उनकी तरफ देखा भी नहीं. वहीं एक अन्य तस्वीर एक टीवी चैनल के कार्यक्रम की रही. जिसमें सपा मुखिया अखिलेश यादव आइपी सिंह के साथ खड़े होकर बहुत गर्मजोशी से गुफ्तगू करते दिखाई दे रहे हैं. इन तस्वीरों के वायरल होने के बाद यूपी के सियासी गलियारे में चर्चा है कि आईपी सिंह भगवा छोड़कर सपा के सिपाही बन सकते हैं. अब अखिलेश यादव के आजमगढ़ से चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद जिस तरह से सिंह ने अपने घर को उनके लिए कार्यालय के तौर पर देने का ऑफर रखा है, उससे उनके सपा में जाने की संभावनाएं प्रबल नजर आ रहीं हैं. 
 

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