प्रचंड जीत के बाद मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में हो सकता है फेरबदल, अमित शाह की क्या हो सकती है भूमिका?

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में शानदार प्रदर्शन करते हुए भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) के लगातार दूसरी बार जीत दर्ज करने के बाद सभी निगाहें अब सरकार के गठन पर टिक गई है.

प्रचंड जीत के बाद मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में हो सकता है फेरबदल, अमित शाह की क्या हो सकती है भूमिका?

निवर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह- (फाइल फोटो)

खास बातें

  • बीजेपी की लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत
  • मंत्रिमंडल में टिकीं निगाहें
  • गठन में अमित शाह की क्या होगी जिम्मेदारी?
नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में शानदार प्रदर्शन करते हुए भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) के लगातार दूसरी बार जीत दर्ज करने के बाद सभी निगाहें अब सरकार के गठन पर टिक गई है. ऐसी अटकलें भी लगाई जा रही है कि सरकार में अमित शाह (Amit Shah) समेत कई नये चेहरों को स्थान दिया जा सकता है. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सहित केंद्रीय मंत्रिपरिषद ने शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सामूहिक इस्तीफा सौंप दिया. राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री सहित मंत्रिपरिषद का इस्तीफा स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री से नयी सरकार बनने तक पद पर बने रहने का आग्रह किया है.

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भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के नवनिर्वाचित सांसदों की शनिवार को बैठक होने जा रही है जिसमें वे औपचारिक रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना नेता चुनेंगे. इसके साथ ही सरकार के गठन की दिशा में प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सकेगा.

मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने लोकसभा चुनाव में 303 सीटों पर जीत दर्ज की है और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को चुनाव में 350 सीटें हासिल हुई है. सरकार गठन को लेकर जारी गहमागहमी के बीच पार्टी के कई नेताओं का ऐसा विचार है कि शाह, मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होंगे और उन्हें गृह, वित्त, विदेश या रक्षा में से कोई एक मंत्रालय दिया जा सकता है.

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वित्त मंत्री अरूण जेटली और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के समक्ष स्वाथ्य संबंधी समस्याएं हैं. ऐसे में उनके नई सरकार में शामिल होने को लेकर शंकाएं हैं. जेटली राज्य सभा के सदस्य हैं और वह 2014 के चुनाव में अमृतसर सीट पर हार गए थे. सुषमा स्वराज ने पिछला चुनाव मध्य प्रदेश के विदिशा से जीता था. हालांकि इस बार उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा. इन दोनों नेताओं ने नयी सरकार में शामिल होने या नहीं होने पर कोई टिप्पणी नहीं की है.

चुनाव प्रचार के दौरान शाह ने भी इस बारे में पूछे गए सवालों को टाल दिया और कहा कि यह पार्टी और प्रधानमंत्री के अधिकार क्षेत्र का विषय है. ऐसी उम्मीद है कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण नयी सरकार में मुख्य भूमिका में रह सकती हैं. स्मृति ईरानी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अमेठी से पराजित किया है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि पार्टी उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है.

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वहीं, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, रविशंकर प्रसाद, पीयूष गोयल, नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रकाश जावड़ेकर को नए मंत्रिमंडल में बनाये रखे जाने की संभावना है. जदयू और शिवसेना को भी नये कैबिनेट में स्थान दिया जा सकता है क्योंकि दोनों दलों ने क्रमश: 16 और 18 सीट दर्ज करके शानदार प्रदर्शन किया है. केंद्रीय मंत्रिमंडल में पश्चिम बंगाल, ओडिशा और तेलंगाना से नये चेहरों को स्थान दिया जा सकता है.

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, ‘‘मंत्री परिषद में कई युवा चेहरों को स्थान दिये जाने की संभावना है क्योंकि भाजपा नेतृत्व पार्टी की दूसरी कतार तैयार करना चाहता है.'' 17वीं लोकसभा का गठन तीन जून से पहले किया जाना है. इस बारे में तीनों चुनाव आयुक्त राष्ट्रपति से मिलेंगे और नये चुने गए सदस्यों की सूची उन्हें सौपेंगे.

(इनपुट भाषा से)

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