नामांकन के आखिरी दिन वाराणसी में दो इतिहास रचे गये पहला रात के 11. 15 तक पर्चा दाखिल होता रहा और दूसरा पीएम मोदी के खिलाफ दो-दो हाथ करने के लिये कुल 102 लोगों ने चुनाव मैदान में ताल ठोकी है. इससे पहले 2014 के चुनाव में 62 लोगों ने पर्चा दाखिल किया था. जिसमें नामंकन पत्रों के जांच के बाद कुल 41 प्रत्याशी मैदान में रह गए थे. इस बार भी नामांकन पत्रों की जांच और वापसी के बाद फाइनल लिस्ट तैयार होगी लेकिन फिलहाल तो 102 लोग मैदान में हैं. इन प्रत्याशियों में तेलंगाना से आये किसान हैं तो नरेंद्र मोदी के हमशक्ल भी हैं. बाहुबली अतीक अहमद हैं तो गोरखपुर से आये 'अर्थी बाबा' भी हैं. सबसे ज़्यादा निगाहें बीएसएफ से बर्खास्त जवान तेजबहादुर पर हैं. गौरतलब है कि बनारस में चुनाव आखिरी चरण में है लिहाजा यहां नामांकन 22 अप्रैल से शुरू हुआ. सबसे पहले मोदी के खिलाफ ताल ठोकने के लिये बीएसएफ से बर्खास्त जवान तेज बहादुर ने यहां से निर्दलीय अपना पर्चा भरा और अपने फौजी साथियों के साथ प्रचार में जुट गये. हाथ में दानपात्र लिये और गरीब किसान, जवान और मजलूमों की आवाज़ बनने के अपने मुद्दे के साथ वो सड़कों पर निकल कर वोट और नोट दोनों मांगने लगे. बीएसएफ की वर्दी में इन मुद्दों के साथ सड़कों पर जब लोगों ने इन्हें देखा तो न सिर्फ स्वागत किया बल्कि अपनी हैसियत के मुताबिक़ चन्दा भी दिया. इनकी इस पॉपुलरिटी को देख कर समाजवादी पार्टी ने पीएम को घेरने के लिए नया दांव चला और सेना के नाम पर वोट मांग रहे मोदी के खिलाफ सेना जवान को उतार कर कहा कि ये लड़ाई असली चौकीदार बनाम नकली चौकीदार की है.
बर्खास्त जवान तेज बहादुर जिन मुद्दों को लेकर मैदान में है वैसे ही मुद्दे लेकर दूसरे प्रत्याशी भी पीएम मोदी को घेरने में जुटे हैं. इन्हें अर्थीबाबा कहा जाता है. अर्थी बाबा गोरखपुर से यहां नामांकन करने पहुंचे हैं. नामांकन स्थल पर वो अर्थी में बैठ कर आये तो उन्होंने अपना चुनावी कार्यालय महाश्मशान हरिश्चंद्र घाट पर बनाया है. अर्थी बाबा राजन यादव कहते हैं कि " जब मै यहां आया तो देखा कि जो काम एक सांसद कराता है उतना भी काम नहीं कराया है नेता चुनने के बाद गरीबों को भूल जाते हैं हमारे देश का लोकतंत्र मर गया है.' अर्थी बाबा से अलग किसानों समस्या को लेकर तेलंगाना से लगभग दो दर्जन हल्दी किसानों के समूह ने वाराणसी पहुंच कर नामांकन किया. हल्दी किसानों के प्रतिनिधि कुंटा गंगाराम मोहन रेड्डी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए उन्हें घर में घेरने की कोशिश कर रहे हैं. किसानों की समस्या लेकर सिर्फ तेलंगाना से ही नहीं महाराष्ट्र से भी राष्ट्रीय किसान बहुजन पार्टी के अरुण मिटुरे पहुंचे हैं. अरुण नामांकन करने के बाद कहते हैं कि पीएम मोदी की नीति किसान विरोधी है जिसके चलते महाराष्ट्र में तकरीबन 16 हज़ार किसानों ने आत्महत्या की है. इसलिए वो उनकी आवाज़ बनने के लिये यहां चुनाव लड़ने आए हैं.
बाहुबली अतीक अहमद ने जेल से ही यहां पर्चा भरा है. अतीक नामांकन करने के लिये पैरोल पर छूट चाहते थे लेकिन अदालत ने मना कर दिया तो उनके प्रतिनिधि ने आकर यहां नामांकन किया. सियासतदां कहते हैं अतीक का यह फैसला अपने लिये सरकार से रहम का है. अतीक के लड़ने से मोदी को फ़ायदा ही होगा. अतीक के अलावा हॉकी जादूगर मोहम्मद शाहिद की बेटी हिना ने भी नामांकन कर कर सबको चौंका दिया. हिना महिला सशक्तिकरण के मुद्दे पर चुनाव मैदान में उतरी हैं. दो बार एवरेस्ट फतह कर चुकीं संतोष यादव भी लोकतंत्र के महापर्व पर चुनावी मैदान फ़तेह करने के लिये मोदी के संसदीय क्षेत्र को ही चुना है. इसके अलावा सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के वीरेंद्र , रामराज्य परिषद के श्री भगवान् पाठक, राष्ट्रीय बंधुत्व पार्टी जम्मू से छज्जू राम गुप्ता , फ़िरोज़ाबाद की प्रीति मिश्रा, इन्साफ पार्टी से भारती, लोकप्रिय समाज पार्टी से छेदी लाल और पीएम मोदी के हमशक्ल अभिनंदन पाठक सहित 102 लोग मैदान में हैं. गौरतलब है कि बनारस में पीएम मोदी को घेरने के लिए प्रियंका का नाम जोरों पर उछला था खुद प्रियंका और कांग्रेस पार्टी ने भी हवा दी थी. लेकिन जब वो मैदान में नहीं उतरी तब समाजवादी पार्टी ने निर्दलीय तेज बहादुर को अपनी पार्टी का सिम्बल देकर इस चुनाव में एक नया मोड़ लाने की कोशिश की है.
वाराणसी में पीएम मोदी बनाम तेज बहादुर
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