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This Article is From Apr 15, 2017

विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस पर नेत्रहीनों की जरूरतों पर होगा विशेष ध्यान

विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस पर नेत्रहीनों की जरूरतों पर होगा विशेष ध्यान
नई दिल्‍ली: संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) इस साल विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस पर नेत्रहीनों की जरूरतों पर खास ध्यान देगा, जिससे उन्हें मुद्रित पुस्तकें और सामग्री आसानी से उपलब्ध हो सकें. पेरिस स्थित संयुक्त राष्ट्र के निकाय ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के विकलांग लोगों के अधिकारों से संबंधित करार के मुताबिक, यूनेस्को विकलांग लोगों के अधिकारों और जरूरतों की महत्ता पहचानता है और उन्हें सुलभ, सस्ती  और अनुकूल आईसीटी (नेत्रहीनों की पढ़ाई में सहायक उपकरण) के प्रभावी उपयोग को प्रोत्साहित करता है.

वर्ल्ड ब्लाइंड यूनियन (डब्ल्यूबीयू) के मुताबिक, हर साल दुनियाभर में प्राकशित लाखों पुस्तकों में से 10 फीसदी से कम नेत्रहीन लोगों के लिए उपलब्ध प्रारूप में प्रकाशित होती हैं, विकासशील देशों में इस आंकड़ें में एक प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. 

यूनेस्को की महानिदेशक इरीना बोकोवा ने कहा कि विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस सभी हमारे दृष्टिकोण के ज्ञान समाज को बढ़ावा देने का अवसर है जिसमें समावेशी, बहुलवादी, न्यायसंगतत, सभी नागरिकों के लिए खुली भागीदारी शामिल है. 
पुस्तकों की पहुंच को सुगम बनाने के जरिए नेत्रहीनों की सामाजिक भागीदरी में प्रभावी रूप से सुधार लाने के लिए यूनेस्को 24 अप्रैल को पुस्तकों की सुलभता के मुद्दे से संबंधित 'सुलभता, प्रकाशन में क्या चुनौतियां हैं?' विषय पर सम्मेलन आयोजित कर रहा है.

यूनेस्को ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि बौद्धिक संपदा की रक्षा, पढ़ने और प्रकाशन को बढ़ावा देने के लिए हर साल 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस मनाया जाता है. इस साल गिनी की राजधानी क्रोनाकी को अपने कार्यक्रम की गुणवत्ता के कारण 'विश्व पुस्तक राजधानी' के तौर पर नामित किया गया है. (एजेंसियों से इनपुट)

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