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This Article is From Oct 21, 2016

आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाएं, कलाकारों पर नहीं : लेखिका तसलीमा नसरीन

आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाएं, कलाकारों पर नहीं : लेखिका तसलीमा नसरीन
जानी-मानी बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन ने उन लोगों की आलोचना की जो पाकिस्तानी कलाकारों का बहिष्कार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए, न कि कलाकारों पर.

एक के बाद एक  किए गए कई ट्वीट में तसलीमा ने कहा, ‘‘आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाएं. कलाकारों पर प्रतिबंध न लगाएं. कलाकार उस स्थान से जुड़े होते हैं, जहां कला का सम्मान होता है.’’ तसलीमा बांग्लादेश में कट्टरपंथियों से अपनी जान को खतरा होने के बाद से भारत में निर्वासन में रह रही हैं.
 
उन्होंने कहा, ‘‘आज आप पाकिस्तानी कलाकारों पर प्रतिबंध लगा रहे हैं. कल को आप बांग्लादेशी लेखकों पर प्रतिबंध लगाएंगे. आप अपने साथ ही रहेंगे. विशुद्ध भारतीय रक्त वाले. हिटलर के ‘रक्त की शुद्धता’ के विचार की तरह.’’ द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जर्मनी का नेतृत्व कर चुके हिटलर ने नाजीवाद के तहत ‘विशुद्ध आर्य नस्ल’ के विचार को रखा था. इसकी वजह से लाखों यहूदियों की हत्या की गई थी और मिश्रित विवाहों पर प्रतिबंध लगाया गया था.
तसलीमा का बयान ऐसे समय में आया है जब फिल्मकार करण जौहर ने कहा कि वह भविष्य में पाकिस्तानी प्रतिभाओं को नहीं लेंगे और अपनी आगामी फिल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल’ के प्रदर्शन को रोके जाने के खिलाफ अपील की. इस फिल्म में पाकिस्तानी अभिनेता फवाद खान ने भी काम किया है.

उरी आतंकवादी हमले के मद्देनजर मनसे ने पाकिस्तानी कलाकारों को भारत छोड़ने के लिए अल्टीमेटम जारी किया था. उसने पाकिस्तानी कलाकारों वाली फिल्मों के प्रदर्शन को भी रोकने की धमकी दी थी. पिछले महीने हुए उरी आतंकवादी हमले में 19 भारतीय जवानों की मौत हुई थी.

इसके बाद इंडियन मोशन पिक्चर्स प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन ने पड़ोसी देश के कलाकारों के काम करने पर प्रतिबंध लगाने को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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