
Raksha Bandhan 2018: चली आती है अब तो हर कहीं बाज़ार की राखी, सुनहरी सब्ज़ रेशम ज़र्द और गुलनार की राखी
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
आज 26 अगस्त को पूरा देश रक्षाबंधन मना रहा है.
भाई-बहन के लिए रक्षाबंधन का दिन बेहद खास है.
यह त्यौहार भाई-बहन के अटूट प्रेम को समर्पित है.
रक्षाबंधन पर शेर (Raksha Bandhan Sher)
किसी के ज़ख़्म पर चाहत से पट्टी कौन बाँधेगा
अगर बहनें नहीं होंगी तो राखी कौन बाँधेगा
- मुनव्वर राना
चली आती है अब तो हर कहीं बाज़ार की राखी
सुनहरी सब्ज़ रेशम ज़र्द और गुलनार की राखी
-नज़ीर अकबराबादी
आस्था का रंग आ जाए अगर माहौल में
एक राखी ज़िंदगी का रुख़ बदल सकती है आज
-इमाम आज़म
बहन का प्यार जुदाई से कम नहीं होता
अगर वो दूर भी जाए तो ग़म नहीं होता
-अज्ञात
बहनों की मोहब्बत की है अज़्मत की अलामत
राखी का है त्यौहार मोहब्बत की अलामत
-मुस्तफ़ा अकबर
ज़िंदगी भर की हिफ़ाज़त की क़सम खाते हुए
भाई के हाथ पे इक बहन ने राखी बाँधी
-अज्ञात
रक्षा-बंधन की सुब्ह रस की पुतली
छाई है घटा गगन पे हल्की हल्की
-फ़िराक़ गोरखपुरी
अदा से हाथ उठते हैं गुल-ए-राखी जो हिलते हैं
कलेजे देखने वालों के क्या क्या आह छिलते हैं
-नज़ीर अकबराबादी
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं