उर्दू के जाने-माने शायर राहत इंदौरी की नई किताब 'मेरे बाद' का लोकार्पण दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित ऑक्सफोर्ड बुकस्टोर में किया गया. इस मौके पर श्रोताओं को जहां दिल को छू जाने वाली गजलें सुनने को मिल रही थीं, वहीं सुनने वालों की दाद और इन सब के बीच थे मशहूर शायर राहत इंदौरी.
यह किताब राजकमल प्रकाशन द्वारा प्रकाशित की गई है. 'मेरे बाद' राहत इंदौरी के गजलों का संकलन है. शायरी में अल्फाज कैसे झूमते हैं, ये देखना हो या दिल के खत पर दस्तखत कैसे किए जाते हैं, ये जानना हो या फिर कठिन से कठिन बात को साधारण तरीके से कहने की कला सीखनी हो, तो ये सारी चीजें एक ही व्यक्तित्व में मिल जाएंगी और वो हैं राहत इंदौरी.
कार्यक्रम में मशहूर कवि और गीतकार बालस्वरूप राही से अपनी बातचीत में राहत ने कहा, "इस खूबसूरत शाम के लिए मैं राजकमल प्रकाशन का शुक्रिया अदा करता हूं, मेरी कुछ किताबें पहले भी आई हैं, लेकिन मुझे ये कहने में कोई हर्ज नहीं कि उन्हें पढ़ने वालों की संख्या कम होती है."
उन्होंने कहा, "इस बार हिंदी में जो किताब आई है, उम्मीद है उससे मेरी आवाज, मेरी शायरी और लोगों तक पुहंचेगी."
किताब की भूमिका में जाने-माने कवि एवं लेखक अशोक चक्रधर लिखते हैं, "मुशायरे या कवि-सम्मेलन में वे कमल के पत्ते पर बूंद की तरह रहते हैं. जिस शायर के लिए खूब देर तक खूब सारी तालियां बजती रहती हैं, उनका नाम है राहत इंदौरी. उनका होना एक होना होता है. वे अपनी निज की अनोखी शैली हैं, दुनियाभर के सैकड़ों शायर उनका अनुकरण करते हैं."
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
यह किताब राजकमल प्रकाशन द्वारा प्रकाशित की गई है. 'मेरे बाद' राहत इंदौरी के गजलों का संकलन है. शायरी में अल्फाज कैसे झूमते हैं, ये देखना हो या दिल के खत पर दस्तखत कैसे किए जाते हैं, ये जानना हो या फिर कठिन से कठिन बात को साधारण तरीके से कहने की कला सीखनी हो, तो ये सारी चीजें एक ही व्यक्तित्व में मिल जाएंगी और वो हैं राहत इंदौरी.
कार्यक्रम में मशहूर कवि और गीतकार बालस्वरूप राही से अपनी बातचीत में राहत ने कहा, "इस खूबसूरत शाम के लिए मैं राजकमल प्रकाशन का शुक्रिया अदा करता हूं, मेरी कुछ किताबें पहले भी आई हैं, लेकिन मुझे ये कहने में कोई हर्ज नहीं कि उन्हें पढ़ने वालों की संख्या कम होती है."
उन्होंने कहा, "इस बार हिंदी में जो किताब आई है, उम्मीद है उससे मेरी आवाज, मेरी शायरी और लोगों तक पुहंचेगी."
किताब की भूमिका में जाने-माने कवि एवं लेखक अशोक चक्रधर लिखते हैं, "मुशायरे या कवि-सम्मेलन में वे कमल के पत्ते पर बूंद की तरह रहते हैं. जिस शायर के लिए खूब देर तक खूब सारी तालियां बजती रहती हैं, उनका नाम है राहत इंदौरी. उनका होना एक होना होता है. वे अपनी निज की अनोखी शैली हैं, दुनियाभर के सैकड़ों शायर उनका अनुकरण करते हैं."
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