मुंबई:
फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन की किताब यस्टर्डेज फिल्म्स फॉर टुमॉरो (Yesterday’s Films for Tomorrow) का विमोचन किया गया. इस कार्यक्रम में अभिनेता नसीरुद्दीन शाह, फिल्मनिर्माता श्याम बेनेगल और निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा ने भी शिरकत की. इस किताब में मशहूर फिल्म आर्काइविस्ट दिवंगत पी. के. नायर के लेखन का संकलन है. इसे राजेश देवराज ने संपादित किया है.
निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा को यह दुर्भाग्यपूर्ण लगता है कि देश में फिल्म के छात्र प्रतिष्ठित भारतीय निर्देशकों के काम को जानने के बजाय पश्चिमी फिल्मकारों के फिल्म बनाने के तरीकों को जानने में अधिक रूचि रखते हैं. चोपड़ा ने कहा कि छात्र उस सिनेमा के बारे में सीख रहे हैं जो ‘‘वास्तव में हमारी जड़ों से नहीं आ रहा’’ जो दुखद है.
निर्देशक ने कहा, ‘‘यह काफी दुखद है कि इस देश में सिनेमा के सभी छात्र केवल यह पढ़ते हैं कि मार्टिन सोर्कसेस, फ्रांसिस कोपोला और अन्य फिल्मकार कैसे फिल्म बनाते हैं. क्या उन्हें पता है कि गुरुदत्त, मय्हबूब खान, के. आसिफ, बिमल राय, राज कपूर कैसे फिल्म बनाते थे? वास्तव में नहीं.’’ हम पटकथा लेखन के लिए पश्चिमी किताबों की ही बात करते और सुनते हैं.’ (इनपुट एजेंसी से)
निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा को यह दुर्भाग्यपूर्ण लगता है कि देश में फिल्म के छात्र प्रतिष्ठित भारतीय निर्देशकों के काम को जानने के बजाय पश्चिमी फिल्मकारों के फिल्म बनाने के तरीकों को जानने में अधिक रूचि रखते हैं. चोपड़ा ने कहा कि छात्र उस सिनेमा के बारे में सीख रहे हैं जो ‘‘वास्तव में हमारी जड़ों से नहीं आ रहा’’ जो दुखद है.
निर्देशक ने कहा, ‘‘यह काफी दुखद है कि इस देश में सिनेमा के सभी छात्र केवल यह पढ़ते हैं कि मार्टिन सोर्कसेस, फ्रांसिस कोपोला और अन्य फिल्मकार कैसे फिल्म बनाते हैं. क्या उन्हें पता है कि गुरुदत्त, मय्हबूब खान, के. आसिफ, बिमल राय, राज कपूर कैसे फिल्म बनाते थे? वास्तव में नहीं.’’ हम पटकथा लेखन के लिए पश्चिमी किताबों की ही बात करते और सुनते हैं.’ (इनपुट एजेंसी से)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं