भारतीय पुस्तक न्यास के 60 साल पूरे, साल भर कुछ इस अंदाज में मनेगा जश्न...

आवश्यकता इस बात की है कि लोगों तक पुस्तकों की पहुंच को बढ़ाया जाए और न्यास ने इस दिशा में कई नई योजनाएं प्रारंभ की हैं.

भारतीय पुस्तक न्यास के 60 साल पूरे, साल भर कुछ इस अंदाज में मनेगा जश्न...

राष्ट्रीय पुस्तक न्यास की स्थापना के 60 साल पूरे होने पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर मंगलवार को साल भर चलने वाले विभिन्न कार्यक्रमों की शुरूआत करेंगे जिसमें ऐसी किताबों का प्रकाशन करना शामिल है जो अब उपलब्ध नहीं है. न्यास के अध्यक्ष बलदेव भाई शर्मा ने बताया, ‘‘एक अगस्त को राष्ट्रीय पुस्तक न्यास अपनी स्थापना का 60वां साल पूरे कर रहा है. इस अवसर पर सालभर आयोजित होने वाले अनूठे आयोजनों का शुभारंभ केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर करेंगे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक दो अगस्त को दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है’’ 

शर्मा ने कहा, ‘‘हमारी आंचलिक क्षेत्रों में आयोजित होने वाली सचल पुस्तक प्रदर्शिनियों से ले कर विश्व पुस्तक मेले के अनुभव इस बात को अस्वीकार करते हैं कि लोगों में पढ़ने की आदत कम हो रही है.’’ उन्होंने कि आवश्यकता इस बात की है कि लोगों तक पुस्तकों की पहुंच को बढ़ाया जाए और न्यास ने इस दिशा में कई नई योजनाएं प्रारंभ की हैं.
 
उन्होंने कहा कि न्यास कुछ ऐसी पुस्तकों का प्रकाशन कर रहा है जो अनेक वर्ष पहले प्रकाशित हुईं, लेकिन आज उपलब्ध नहीं हैं. जैसे - आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी अभिनंदन ग्रंथ , दीनदयाल उपाध्याय: व्यक्ति-चित्र (संपा. डॉ कमल किशोर गोयनका) और भारत की मौलिक एकता( वासुदेव शरण अग्रवाल) का प्रकाशन. इसी क्रम में कई दुर्लभ और महत्वपूर्ण पुस्तकों का प्रकाशन होगा. न्यास के अध्यक्ष ने कहा कि साल भर चलने वालों कार्यक्रमों में ग्रामीण पाठकों को ध्यान में रखते हुए स्थानीय पंचायती राज संस्थाओं को पठन पाठन में शामिल करना, बच्चों के लिए रंगबिरंगी, मनोरंजक, ज्ञानवर्धक और वाजिब दाम पर पुस्तकों के लिए एक मंच प्रस्तुत करना शामिल है.
 
उन्होंने कहा कि स्नैपडील के साथ मिल कर न्यास ने एक योजना प्रारंभ की है जिसके तहत कोई भी व्यक्ति जरूतरमंद पाठकों तक पुस्तकें पहुंचाने के लिए स्वेच्छा से दान दे सकता है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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