नयी दिल्ली:
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में चल रहे नयी दिल्ली विश्व पुस्तक मेले में विदेशी प्रकाशक किताबों के विविध संग्रह पेश कर रहे हैं, लेकिन पुस्तक मेले में आने वाले अधिकतर लोग इन भाषाओं को सीखने में मददगार किताबों के मुरीद हो रहे हैं और नतीजतन ऐसी किताबों के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है.
फ्रांसीसी, जर्मन और फारसी सहित कई विदेशी भाषाओं के लिए उपलब्ध ये किताबें सीखने के लिहाज से हर स्तर को ध्यान में रखकर प्रकाशित की गई हैं. इनमें भाषा सीखने की शुरूआत करने वालों के लिए चित्रात्मक किताबों से लेकर भाषाविदों के लिए उपन्यास तक शामिल हैं.
जर्मन बुक ऑफिस के लिए स्टॉल का प्रबंधन कर रहीं इशजोत ने बताया कि अधिकतर खरीददार माता पिता के साथ आ रहे हैं और उनके माता पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे छोटी उम्र से ही जर्मन भाषा सीखना शुरू कर दें.
उन्होंने बताया कि भाषा सीखने की शुरूआत करने वालों के लिए चित्रात्मक एवं लघु कथाएं हैं. इनकी कीमत भी बेहद कम है. ऐसी किताबों की मांग अधिक है और ये खूब बिक रही हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘लोग चित्रात्मक पुस्तकें और कहानी की किताबें काफी तादाद में खरीद रहे हैं क्योंकि उन्हें मुश्किल से हर किताब पर 150 रपये खर्च करना पड़ता है. इसलिए जो माता पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे भाषा सीखें वे आसानी से इन्हें खरीद रहे हैं और जो पहले से ही जर्मन भाषा सीख रहे हैं वे भाषा व्याकरण पर अधिक विस्तृत जानकारी वाली किताबों की मांग कर रहे हैं.’’
इन स्टॉल पर उपलब्ध किताबों में मशहूर जर्मन लेखक डेनियल केलमैन की क्लासिक किताबों का संग्रह है, इसके अलावा लोकप्रिय जर्मन साहित्यकारों की अंग्रेजी में अनुदित किताबें भी हैं.
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फ्रांसीसी, जर्मन और फारसी सहित कई विदेशी भाषाओं के लिए उपलब्ध ये किताबें सीखने के लिहाज से हर स्तर को ध्यान में रखकर प्रकाशित की गई हैं. इनमें भाषा सीखने की शुरूआत करने वालों के लिए चित्रात्मक किताबों से लेकर भाषाविदों के लिए उपन्यास तक शामिल हैं.
जर्मन बुक ऑफिस के लिए स्टॉल का प्रबंधन कर रहीं इशजोत ने बताया कि अधिकतर खरीददार माता पिता के साथ आ रहे हैं और उनके माता पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे छोटी उम्र से ही जर्मन भाषा सीखना शुरू कर दें.
उन्होंने बताया कि भाषा सीखने की शुरूआत करने वालों के लिए चित्रात्मक एवं लघु कथाएं हैं. इनकी कीमत भी बेहद कम है. ऐसी किताबों की मांग अधिक है और ये खूब बिक रही हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘लोग चित्रात्मक पुस्तकें और कहानी की किताबें काफी तादाद में खरीद रहे हैं क्योंकि उन्हें मुश्किल से हर किताब पर 150 रपये खर्च करना पड़ता है. इसलिए जो माता पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे भाषा सीखें वे आसानी से इन्हें खरीद रहे हैं और जो पहले से ही जर्मन भाषा सीख रहे हैं वे भाषा व्याकरण पर अधिक विस्तृत जानकारी वाली किताबों की मांग कर रहे हैं.’’
इन स्टॉल पर उपलब्ध किताबों में मशहूर जर्मन लेखक डेनियल केलमैन की क्लासिक किताबों का संग्रह है, इसके अलावा लोकप्रिय जर्मन साहित्यकारों की अंग्रेजी में अनुदित किताबें भी हैं.
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